बरेली में भाजपा विधायक बहोरन लाल समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
आचार संहिता लागू होने के बाद भी भोजीपुरा स्थित एक आश्रम में किया गया कंबल वितरण कोरोना गाइडलाइन कभी किया उल्लंघन वीडियो हुआ था वायरल जांच के बाद खंड विकास अधिकारी भोजीपुरा ने विधायक समेत अन्य नेताओं और आश्रम के लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
बरेली, जेएनएन। UP Assembly Elections 2022 : चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता लागू होने के बाद भोजीपुरा में स्थित एक आश्रम हुए कंबल वितरण के मामले में भाजपा विधायक बहोरन लाल सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हाे गया है। भोजीपुरा विधायक बहोरन लाल के खिलाफ जांच के बाद खंड विकास अधिकारी ने दर्ज कराई है।जिसकी पुष्टि स्वयं एसडीएम सदर आर ओ भोजीपुरा धर्मेंद्र कुमार ने की है।गौरतलब है कि स्वामी दिव्या नंद आश्रम में कंबल वितरण के दौरान भीड़ एकत्रित हुई थी।जिसका वीडियो वायरल हुआ था।इस मामले में सपा के पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम ने डीएम मानवेंद्र सिंह व एसडीएम धर्मेंद्र कुमार से शिकायत की थी।
कोविड गाइडलाइन का हुआ उल्लंघन
सपा के पूर्व मंत्री की शिकायत के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने कंबल वितरण के वायरल वीडियो की जांच कराई। जिसमें कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन होने की पुष्टि हुई। इसके बाद खंड विकास अधिकारी ने भाेजीपुरा विधायक समेत अन्य नेताओं और आश्रम के लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है।
आश्रम में कंबल वितरण का वायरल हुआ वीडियाे
वायरल वीडियाे भोजीपुरा ओवर ब्रिज के पास बने स्वामी दिव्यानंद के आश्रम का है।वीडियो में कंबल वितरण का कार्यक्रम चलता दिखाई दे रहा है।जिसमें काफी भीड़ भी नजर आ रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार समेत भाजपा के कई पदाधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए थे। जो वीडियों में दिखाई दे रहे हैं।मौजूदा विधायक हाथ में माइक थामे है और लोगों के पास तक जा रहे हैं। वही पर कुछ लोग शारीरिक दूरी का ध्यान रखे बिना ही कंबल बांट रहे हैं।मंच के साथ ही नीचे बैठे कई लोग मास्क तक नहीं लगाए है।
वायरल वीडियाे पर ये बाेले थे भाजपा विधायक
इस मामले में भोजीपुरा भाजपा विधायक बहाेरन लाल का कहना था कि हमारी ओर से कोई कार्यक्रम नहीं कराया गया था। हम कंबल नहीं बांट रहे थे बल्कि हम कुछ नहीं बांट रहे थे।वहीं इस मामले में वीडियो वायरल होन के बाद सपा के पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम ने प्रशासन से वायरल वीडियो की शिकायत की थी। जिसके बाद वीडियो की जांच वीडियो व्यूविइंग टीम (वीवीटी) को कराई गई।