स्कूलों से बैंक स्टेटमेंट और बैलेंस शीट भी मांगी
सीबीएसई और आइसीएसई के स्कूलों पर अफसरों का शिकंजा और कसता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, बरेली : सीबीएसई और आइसीएसई के स्कूलों पर अफसरों का शिकंजा और कसता जा रहा है। गुरुवार को कमिश्नर ने अचानक मंडलीय शुल्क निर्धारण कमेटी की बैठक बुलाकर स्कूलों से अब तक आए रिकॉर्ड की परीक्षण रिपोर्ट का ब्यौरा पूछ लिया। निर्देश दिए कि सारे स्कूलों से फीस स्ट्रक्चर, पिछले चार साल में ली गई फीस, बैलेंस शीट और बैंक का स्टेटमेंट भी ले लिया जाए। असल में, बैठक में मुद्दा उठा कि स्कूल वालों ने फीस कुछ ली है और ब्यौरा कुछ दिया है। ऐसे में, यह जानने के लिए कि कितनी फीस वास्तव में ली गई, बैंक का स्टेटमेंट मांगना मुनासिब समझा गया।
बैठक में डीआइओएस डॉ. अचल कुमार मिश्र ने कहा कि कई स्कूलों ने रिकॉर्ड देने में भी मनमानी की है। उन्होंने चार-पांच स्कूलों के नाम भी बताए। पहले तो इन्होंने रिकॉर्ड दिया नहीं, बाद में भेजा मगर आधा-अधूरा। कमिश्नर ने कहा कि ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट बनाकर दें। इन पर जुर्माना डाला जाएगा और एनओसी वापस करने की संस्तुति करके शासन को भेज दी जाएगी। सीबीएसई और आइसीएसई स्कूलों को प्रदेश सरकार ने कुछ शर्तो के साथ एनओसी दी है, अगर उन शर्तो को यह पूरा नहीं करते हैं तो कार्रवाई से कोई बचना नहीं चाहिए। कमिश्नर ने मंडल के चारों जिलों के डीआइओएस से अब तक आए स्कूलों के रिकार्ड की परीक्षण रिपोर्ट भी मांगी। बरेली के डीआइओएस ने कहा कि वित्त एवं लेखा विभाग की टीम से परीक्षण कराया जा रहा है। रिपोर्ट बनने में जो देरी हो रही है, वह वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक की ओर से की जा रही है। मौके पर मौजूद एओ से कमिश्नर ने पूछा- कब तक रिपोर्ट मिलेगी। उन्होंने जल्द जवाब देने का वायदा किया। डीआइओएस डॉ. मिश्र ने बताया कि कमिश्नर की बैठक के बाद सारे स्कूलों को नोटिस जारी करके सात जुलाई तक बैंक स्टेटमेंट, बैलेंस शीट और आडिट रिपोर्ट मांगी गई है। इसके साथ ही फीस स्ट्रक्चर भी मांगा है। बैठक में संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. अर्चना गोयल और मंडल के सभी जिलों के डीआइओएस भी मौजूद रहे।