Badaun Stamp Scam : पांच करोड़ के खेल में 13 अफसर निलंबित, आरोपितों से होगी रिकवरी Bareilly News
दातागंज उप कोषागार में हुए पांच करोड़ के स्टाम्प घोटाले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। वहां अलग-अलग समय पर तैनात रहे तीन वरिष्ठ कोषाधिकारी और दस तहसीलदारों को निलंबित कर दिया।
जेएनएन, बरेली: दातागंज उप कोषागार में हुए पांच करोड़ के स्टाम्प घोटाले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। वहां अलग-अलग समय पर तैनात रहे तीन वरिष्ठ कोषाधिकारी और दस तहसीलदारों को निलंबित कर दिया। जिन 13 लोगों पर कार्रवाई हुई, उनमें मौजूदा वरिष्ठ कोषाधिकारी भी शामिल हैं। प्रकरण का मुख्य आरोपित रोकडिय़ा हरीश कुमार पहले ही सरेंडर कर जेल जा चुका है।
रिकार्ड मिलान से पकड़ा बिक्री का खेल : पिछले साल नवंबर में शासन ने उपकोषागार बंद किए जाने का आदेश तो दातागंज में भी इस पर अमल शुरू हुआ। हिसाब निकाला गया जिनमें स्टाम्प बिक्री रजिस्टर में गड़बड़ी पाई गई। तब एआइजी स्टाम्प बरेली, एडीएम वित्त एवं राजस्व, वरिष्ठ कोषाधिकारी और एसडीएम दातागंज ने दो दिन तक रिकॉर्ड और स्टाम्प का मिलान किया।
छह साल में हुआ पांच करोड़ का घोटाला : वर्ष 2013 से 2019 तक स्टाम्प बिक्री में करीब पांच करोड़ का घोटाला हुआ है। 19 नवंबर 2019 को वरिष्ठ उप कोषाधिकारी ने रोकडिय़ा हरीश कुमार व सहायक राजेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में डीएम कुमार प्रशांत ने रोकडिय़ा को निलंबित कर रिपोर्ट शासन को भेज दी थी।
13 लोगों के खिलाफ होगी विभागीय जांच : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्टाम्प मैनुअल का पालन न करने और पांच करोड़ के गबन में तीन वरिष्ठ कोषाधिकारियों, दस तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को निलंबित कर दिया। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी होगी। जिन 13 पर कार्रवाई की गई, उनमें से 12 लोग अब अलग स्थानों पर तैनात हैं। कार्रवाई की जद में मौजूदा वरिष्ठ कोषाधिकारी हरीश चंद्र यादव भी आए हैं।
दातागंज उप कोषागार में हुए स्टांप घोटाले में तीन कोषाधिकारी और दातागंज में तैनात रहे 10 तहसीलदारों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होने की जानकारी मिली है। आदेश अभी नहीं मिला है। - कुमार प्रशांत, डीएम, बदायूं
स्टाम्प घोटालेबाजों से होगी रिकवरी : इस मामले की गूंज वित्त मंत्रालय तक पहुंची थी, वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने स्वयं पहुंचकर स्थिति की जानकारी ली थी, जिसके बाद वित्त मंत्रालय ने निर्देश जारी किए थे, कि घोटालेबाजों से घोटाले की रकम की रिकवरी की जाए। जिससे सरकारी धन के गबन के मामले में आरोपितों सहित सभी को सबक मिल सके।