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Badaun Panchayat Chunav Election Result 2021 : बदायूं में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चलेगा जोड़-तोड़ का खेल

Badaun Panchayat Chunav Election Result 2021 पंचायत चुनाव में हार-जीत का फैसला हो चुका है। राजनीतिक दलों के लिए सर्वाधिक प्रतिष्ठा वाली जिला पंचायत सदस्य के सभी 51 सीटों पर भी जनता जनार्दन का निर्णय आ चुका है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 02:19 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 02:19 PM (IST)
Badaun Panchayat Chunav Election Result 2021 : बदायूं में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चलेगा जोड़-तोड़ का खेल
जिला पंचायत की 51 सीटों में 16 पर भाजपा, 12 पर सपा को मिली सफलता, निर्दलीयों ने बिगाड़ा गणित।

बदायूं, जेएनएन।Badaun Panchayat Chunav Election Result 2021 : पंचायत चुनाव में हार-जीत का फैसला हो चुका है। राजनीतिक दलों के लिए सर्वाधिक प्रतिष्ठा वाली जिला पंचायत सदस्य के सभी 51 सीटों पर भी जनता जनार्दन का निर्णय आ चुका है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है, लेकिन प्रथम नागरिक की कुर्सी के लिए 26 का आंकड़ा नहीं छू सकी है। भाजपा के 16 प्रत्याशी ही जीते हैं। सपा के भी 12 महारथी चुनावी वैतरणी पार कर सके हैं, जबकि बसपा समर्थित पांच सदस्य निर्वाचित हुए हैं। तीन दशक बाद कांग्रेस एक सीट पर काबिज हो सकी है। वहीं महान दल के दो प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। मतदाताओं ने 12 निर्दलीय प्रत्याशियों को जिताकर राजनीतिक दलों से ज्यादा व्यक्तिगत प्रभाव वालों को तरजीह दी है।

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बंगाल चुनाव की तरह यहां जिले में जिला पंचायत सीटों पर भाजपा ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। तीन महीना पहले ही वार्डवार कमेटियां गठित कर सर्वे कराया था। वार्ड कमेटी, जिला कमेटी और क्षेत्रीय कमेटी स्तर से अधिकृत प्रत्याशियों का चयन किया गया था। पार्टी ने सभी 51 सीटों पर समर्थित प्रत्याशी मैदान में उतारा था। मंत्री, सांसद, विधायक जनसमर्थन जुटा रहे थे। दावा 40 से अधिक सीटें जीतने का किया जा रहा था, लेकिन जब परिणाम आए तो दावों की हवा निकल गई। जीतीं 16 सीटों में बगावत कर चुनाव जीतीं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट भी शामिल है। सपा आपसी सहमति से हर सीट पर प्रत्याशी उतारने की कोशिश करती रही, लेकिन सफल नहीं हुई।

आखिरी वक्त में किस्तों में 30 अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जारी की, लेकिन कई सीटों पर सहमति न बनने से तीन से चार प्रत्याशी मैदान में उतर गए। नतीजा यह निकला कि पिछले चुनाव में सपा के 30 से अधिक प्रत्याशी चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार संख्या 12 तक सिमट गई। बसपा ने भी बहुत खामाेशी से अधिकृत प्रत्याशियों को मैदान में उतारकर जद्दोजहद की, लेकन पांच प्रत्याशी ही चुनाव जीत सके। 1989 के बाद एक सीट जीतकर कांग्रेस गदगद है। कांग्रेस का दावा है कि कई सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी मुख्य मुकाबले में रहे हैं। महान दल ने दो सीटें जीतकर अपनी उपस्थिति का एहसास करा दिया है। अब जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए निर्दलीय निर्वाचित सदस्यों को अपने-अपने साथ जोड़कर गणित बैठाया जा रहा है। यह तो तय है कि अध्यक्ष की ताजपोशी में निर्दलीय सदस्यों की निर्णायक भूमिका रहेगी।

पुसगवां सीट पर दोबारा होगा चुनाव

जिला पंचायत सदस्य पुसगवां वार्ड की भी मतगणना तो हो गई है, लेकिन यहां दोबारा चुनाव कराना पड़ेगा। वजह, यहां से चुनाव जीतीं निर्दलीय प्रत्याशी डा.वीपी सिंह सोलंकी की पत्नी शांति देवी का पिछले 29 अप्रैल को मौत हो गई थी। मतदान पहले हो चुका था, इसलिए मतगणना कराई गई। यहां से भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल की पत्नी मेखला सिंह चुनाव हार गईं जो अध्यक्ष पद के दावेदारों में शामिल थीं।


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