असली एटीएम, नकली नोट
कैश की किल्लत से कुछ बाहर निकले तो एटीएम में नकली नोट का खेल शुरू हो गया है।
जागरण संवाददाता, बरेली : कैश की किल्लत से कुछ बाहर निकले तो एटीएम में नकली नोट का खेल शुरू हो गया। वे नोट, जोकि बच्चों के खेलने के काम बाते हैं। चूरन वाले पैकेट में निकलते हैं और उन पर रिजर्व बैंक के बजाय मनोरंजन बैंक लिखा होता है। सुभाषनगर में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से जब एक-एक कर तीन लोगों के साथ ऐसे नोट आए तो सभी चौंक गए। अब ये नोट बैंक में वापस करने की प्रक्रिया उलझाऊ है, वे जूझेगे। मगर बड़ा सवाल यह उठा है कि आखिर एटीएम में चूरन वाले नोट पहुंच कैसे गए। कैश भरने का काम एजेंसी के जरिये होता है। इससे पहले नोटों की कई स्तर पर चेकिंग भी होती है, फिर भी कौन ऐसा शख्स है जिसने पांच-पांच सौ के असली नोट हटाकर नकली नोटों को मशीन में भर दिया।
असली के बीच लगा दिए नकली
मामला सुभाषनगर में खालसा स्कूल के पीछे लगे यूनाइटेड बैंक के एटीएम का है। वहां कोई गार्ड नहीं रहता। रविवार शाम करीब पांच बजे सुभाषनगर के ईश्वरी भवन निवासी रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मचारी अशोक कुमार पाठक रुपये निकालने पहुंचे। एटीएम से साढ़े चार हजार रुपये निकाले। पांच-पांच सौ के नोट आने पर चेक किए तो देखा कि एक नोट पर चिल्ड्रन बैंक लिखा हुआ था। वह नकली था। आसपास के लोगों को वह नोट दिखाया तब पता चला कि उनसे पहले राजीव कालोनी निवासी प्रवीन उत्तम के दो नोट नकली निकले थे। उसी दौरान शांति विहार के इंद्र कुमार शुक्ला भी रुपये निकलने पहुंचे। उन्होंने एक हजार रुपये निकाले, जिसमें पांच सौ का एक नोट नकली था। लगातार तीन उपभोक्ताओं के हाथ नकली नोट आए तो भीड़ लगने लगी। राह गुजर रहे लोग माजरा पूछने लगे। जिसके बाद वहां से रुपये निकालने वाले लोगों को सतर्क कर दिया गया। जो पीड़ित थे, वे टोल फ्री नंबर पर शिकायत कर चले गए। सोमवार को वे बैंक अफसरों से मिलेंगे।
वीडियो भी बना ली
एटीएम से दो लोगों के नोट नकली निकलने की जानकारी होने पर इंद्र कुमार ने रुपये निकालने की मोबाइल से वीडियो क्लिप बना ली। इसके साथ ही नकली नोट निकलने पर उन्होंने उस नोट को सीसीटीवी कैमरे के सामने भी दिखाया। वह खुद वित्तीय समावेशन विभाग में सहायक प्रबंधक हैं।
नोट पर लिखा था भारतीय मनोरंजन बैंक
एटीएम से तीन लोगों के नकली नोट निकले। उस नोट पर सबसे ऊपर भारतीय मनोरंजन बैंक, पांच सौ नंबर, चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया, ¨हदी में पांच सौ रुपये और किनारे पर चूरन लेबल लिखा हुआ था।
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बैंक से हम गिनकर और छांटकर नोट लेते हैं। इसी तरह एजेंसी वालों को नोट दिए जाते हैं। एटीएम में नकली नोट कैसे पहुंचे, यह कहना कठिन है। इस बारे में एजेंसी वालों से पूछा जाएगा।
बच्चन शाह, डिस्ट्रिक कोआर्डिनेटर, यूबीआइ