सपा की कमेटियां भंग होते ही जिलाध्यक्ष पद के लिए जोड़तोड़ Bareilly News
भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी थी मगर सपाई लोकसभा चुनाव को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में लग गए थे। यह गुटबाजी संगठन में जिले में की बड़ी कुर्सी को लेकर भी है।
बरेली, जेएनएन : सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के कमेटियां भंग करते ही जिले के सपा नेताओं में भी उठापठक तेज हो गई। पहले से ही कुर्सी की चाहत में बैठे नेताओं ने एक बार फिर दम भरने की तैयारी कर ली। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक अपने संपर्कों के जरिये माहौल बनाने में जुट गए हैं।
जिले में सपा में अर्से से खींचतान चल रही। लोकसभा चुनाव के दौरान भी यह दिखी और बाद में भी। अगस्त के पहले सप्ताह में संगठन की बैठक में गुटबाजी नेताओं की बयानबाजी के जरिये खुलकर सामने आई। भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी थी मगर सपाई लोकसभा चुनाव को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में लग गए थे। यह गुटबाजी संगठन में जिले में की बड़ी कुर्सी को लेकर भी है। उस बैठक में पूर्व मंत्री अताउर्रहमान और भगवत सरन गंगवार ने एक दूसरे पर जमकर शब्दबाण चलाए थे।
जिसके बाद भगवत सरन गंगवार ने दिल्ली तक दौड़ भी लगाई थी। अब जब संगठन मेें फेरबदल होने वाला है तो ऐसे में भगवत सरन गंगवार जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होकर दूसरे गुट को अपनी पहुंच का एहसास दिलाने की प्रयास कर सकते हैं। नाम को महिपाल सिंह का भी चलाया जा रहा। वहीं निवर्तमान अध्यक्ष शुभलेश यादव भी कुर्सी बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद यादव पहले ही लाइन में लगे हुए हैं।
अब बहुत ज्यादा अपेक्षा नहीं है। भागदौड़ भी इतनी नहीं हो पाती। फिर भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जो भी जिम्मेदारी देंगे उसे शिद्दत से निभाएंगे। - भगवत सरन गंगवार, पूर्व सपा मंत्री
पार्टी का हित सर्वोपरि है। जो जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे निभाने के लिए तैयार हूं। -शुभलेश यादव, पूर्व निवर्तमान अध्यक्ष