Coronavirus : सीएमओ बोले- बरेली के लोगों का एंटीबाडी बेहतर, आइसीएमआर की रिपोर्ट का इंतजार Bareilly News
कोरोना वायरस को लेकर जिले में कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब अभी आने बाकी हैं। फिलहाल संतोष की बात यह है कि जिले में एंटी बॉडी रिस्पांस अच्छा है।
बरेली, जेएनएन। कोरोना वायरस को लेकर जिले में कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब अभी आने बाकी हैं। फिलहाल संतोष की बात यह है कि जिले में एंटी बॉडी रिस्पांस अच्छा है। शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विनीत शुक्ल से जागरण संवाददाता अंकित गुप्ता ने कोरोना संक्रमण व इससे बचाव के लिए हो रहे प्रयास समेत कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि आइसीएमआर की रिपोर्ट आना बाकी है। लेकिन प्रदेश के साथ ही जिले की स्थिति ठीक दिख रही। उन्होंने यह भी बताया कि शासनादेश की वजह से प्रवासियों को आश्रय स्थल की जगह होम क्वारंटाइन किया जा रहा। निजी लैब और आइवीआरआइ की लैब की जांच रिपोर्ट में आए अंतर पर उन्होंने निजी लैब का बचाव किया। कहा कि नमूनों में देरी की वजह से अंतर आया है।
सवाल : मंडल के अन्य जिलों के मुकाबले बरेली में सैंपलिंग कम क्यों?
जवाब : सैंपलिंग के मामले में प्रतिस्पर्धा की जरूरत नहीं है। अन्य जिलों में सैंपलिंग की क्या स्थिति है, यह अलग बात है। जिले में शासन की गाइडलाइन के अनुसार हर दिन 100 या इससे अधिक सैंपल हो रहे हैं। प्रवासियों, संक्रमित के संपर्क में रहने वाले व्यक्ति और हर संदिग्ध व्यक्ति का सैंपल लिया जा रहा।
सवाल : आश्रय स्थल और क्वारंटाइन सेंटर खाली पड़े हैं और प्रवासियों को घर भेजा जा रहा, क्यों?
जवाब : यथासंभव प्रयास रहता है कि प्रवासियों को संस्थागत क्वारंटाइन किया जाए। अब शासनादेश आ गया है कि होम क्वारंटाइन किया जा सकता है। अगर प्रवासी या किसी अन्य में कोई लक्षण या संदिग्ध है तो उसे संस्थागत क्वारंटाइन किया जाता है।
सवाल : होम क्वारंटाइन के दौरान नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?
जवाब : नियम तोड़ने वालों को पहले समझाने का ही प्रयास रहता है। अगर फिर भी वह नहीं मानते तो एपेडेमिक एक्ट के तहत मुकदमे का प्रावधान है।
सवाल : चार लोग साथ आते हैं। दो को क्वारंटाइन किया जाता है दो को घर भेज दिया जाता है, ऐसा क्यों?
जवाब : लक्षण के नजरिए से दो लोगों को रोका गया होगा। अगर उनके साथ आए लोगों ने होम क्वारंटाइन रहने की बात स्वीकारी होगी तो ही उन्हें घर भेजा गया होगा।
सवाल : निजी लैब से रिपोर्ट पॉजिटिव और फिर आइवीआरआइ की रिपोर्ट निगेटिव आती है। ऐसा क्यों हो रहा है?
जवाब : आइसीएमआर की ओर से मान्यता प्राप्त लैब ही कोरोना की जांच कर रही हैं। पहले पॉजिटिव और बाद में निगेटिव की वजह की पूरी तरह तो जानकारी नहीं दे सकते। लेकिन पहले सैंपल और दूसरे सैंपल के बीच के दिनों का अंतर है। इतने दिनों में कोई मरीज सही भी हो सकता है।
सवाल : आइसीएमआर की टीम ने जिले से सैंपल लिए थे। आपको क्या लगता है कि जिले में एंटी बॉडी का क्या रिस्पांस रहेगा?
जवाब : आइसीएमआर की टीम ने अभी कोई रिपोर्ट नहीं दी है। जिले का रिस्पांस अच्छा है। पूरे प्रदेश में स्थिति ऐसी ही है, संक्रमित स्वस्थ्य हो रहे हैं।
सवाल : मलेरिया का सीजन चल रहा है। बावजूद इसके जिले में जांच कम क्यों हो रही हैं?
जवाब : कोरोना संक्रमण वैश्विक महामारी बन गया है। अब तक पूरा फोकस उसी पर था। अब मलेरिया की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है।