Highway accident: शादी में जाने का था इतना जुनून कि खेलमंत्री के बेटे नहीं समझ सके नियति के यह संकेत Bareilly News
खेलमंत्री के बेटे अंकुर जब रात को घर से निकले तो अचानक ही उनकी कार का टायर फट गया। टायर बदलवा कर निकलने लगे तो कार की बैटरी में दिक्कत के चलते लाइटें भी बंद हो गई।
बरेली, जेएनएन : शिक्षा व खेल मंत्री अरविंद पांडेय के पुत्र अंकुर पांडेय को नियति ने संकेत तो कई बार दिए, लेकिन होनी नहीं टल पाई और युवा अंकुर पांडे मंगलवार मध्य रात्रि काल का ग्रास बन गए। परिवार के नजदीकी लोगों के मुताबिक, अंकुर जब रात को घर से निकले तो अचानक ही उनकी कार का टायर फट गया। कार का टायर बदलवा कर वह निकलने लगे तो कार की बैटरी में दिक्कत के चलते लाइटें भी बंद हो गई। लेकिन गोरखपुर शादी में जाने का जुनून अंकुर व उसके साथियों पर कुछ इस कदर हावी रहा कि अंकुर लगातार आ रही दिक्कतों से मिलने वाले संकेत को नहीं समझ पाए। वह नहीं जानते थे कि यह उनकी अंतिम यात्रा साबित होगी।
एंबुलेंस से रात में ही ले गए अंकुर का शव
रात में डॉक्टर ने अंकुर को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद उसके शव को एंबुलेंस से ही बाजपुर ले जाया गया। जबकि मुन्ना गिरि के शव का बरेली में ही पोस्टमार्टम कराया गया।
तड़के घर पहुंचा शव तो माहौल गमगीन
हादसे की जानकारी मिलते ही पांडेय के परिजन बरेली पहुंच गए और अंकुर के शव को तड़के घर ले आए। शव के घर पहुंचते ही मंत्री आवास गोविंदपुर का माहौल करुण क्रंदन में बदल गया। शोक संवेदना व्यक्त करने को लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व हरीश रावत, काबीना मंत्री यशपाल आर्य, पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़, पूर्व सांसद बलराज पासी समेत तमाम राजनीतिक और सामाजिक दलों से जुड़े लोगों ने शिरकत कर शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया। दोपहर में कोपा कृपाली, ठंडी नदी स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। चिता को मुखाग्नि बड़े भाई अतुल पांडेय ने दी।
राजनीति में अंकुरित हो रहे थे अंकुर
उत्तराखंड गठन के बाद से हुए चार चुनाव में लगातार जीत हासिल करने वाले मंत्री अरविंद पांडेय की राजनीतिक विरासत तो वैसे उनके बड़े पुत्र अतुल पांडेय संभालने की दिशा में आगे बढ़ रहे थे। पर चुनाव में अंकुर भी बढ़चढ़ कर अपना योगदान देने से पीछे नहीं हटते थे। अंकुर अपने स्वभाव के कारण सबके मनों में अपनी जगह बनाते जा रहे थे। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में युवा अंकुर की भागीदारी भी रही। मंत्री बनने के बाद अरविंद पांडेय ने प्रदेश की कमान संभाली तो स्थानीय कमान उनके बड़े भाई अतुल के साथ ही अंकुर ने भी संभाल ली थी। स्थानीय लोग अंकुर को पंचायत चुनाव में आगे लाने की मांग तक करने लगे थे, लेकिन अंकुर समय से पहले ही लोगों को रुला कर इस दुनिया को अलविदा कर चले गए।
ज्ञानेंद्र को आई गंभीर हेड इंजरी
हादसे में घायल हुए ज्ञानेंद्र को पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया। ज्ञानेंद्र को गंभीर हेड इंजरी आईं है। ज्ञानेंद्र के परिजनों का कहना है कि उनके पास इलाज के लिए रुपये नहीं है। जिला अस्पताल में ही इलाज करवा दें। लेकिन जिला अस्पताल में सारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। हालांकि, सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ल ज्ञानेंद्र के इलाज पर नजर रखे हुए हैं।
कार के उड़ गए परखचे, ट्रक चालक फरार
फरीदपुर में हुए सड़क हादसे में कार के अगले हिस्से के परखचे उड़ गए। पहिये का रिम तक टेढ़ा हो गया। वहीं, ट्रक चालक गाड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में ले लिया है। फरीदपुर थाना पुलिस ने अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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