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बरेली में गेहूं क्रय केंद्र पर तौल न होने से गुस्साए किसानों ने नरियावल मंडी गेट पर ट्राली लगाकर रास्ता किया बंद

चार दिन से खुले आसमान के नीचे गेहूं तौल का इंतजार करते किसानों का सब्र आखिर मंगलवार को टूट गया। नरियावल उपमंडी समिति में गेहूं न खरीदे जाने से आक्रोशित किसानों ने दोपहर बाद नरियावल मंडी के मुख्य प्रवेश द्वार पर गेहूं लदी ट्रैक्टर ट्राली लगा रास्ता बंद कर दिया।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 08:56 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 08:56 AM (IST)
बरेली में गेहूं क्रय केंद्र पर तौल न होने से गुस्साए किसानों ने नरियावल मंडी गेट पर ट्राली लगाकर रास्ता किया बंद
कहीं तौल पूरी होने तो कहीं बोरों कमी की बात कह वापस लौटाए गए किसान।

बरेली, जेएनएन। चार दिन से खुले आसमान के नीचे गेहूं तौल का इंतजार करते किसानों का सब्र आखिर मंगलवार को टूट गया। नरियावल उपमंडी समिति में बिना नंबर के तौल करने व कई दिनों से मंडी में डेरा डाले किसानों का गेहूं न खरीदे जाने से आक्रोशित किसानों ने दोपहर बाद नरियावल मंडी के मुख्य प्रवेश द्वार पर गेहूं लदी ट्रैक्टर ट्राली लगा रास्ता बंद कर दिया। किसान केवल उनके गेहूं की तौल करवाने की मांग कर रहे थे। 

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शासन ने गेहूं खरीद के लिए अंतिम तिथि 15 जून निर्धारित कि थी। मंगलवार को अंतिम दिवस होने के चलते किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही थी। अंतिम तिथि को लेकर किसानों की धुकधुकी बढ़ी हुई थी। अंतिम दिन होने के चलते क्रय केंद्रों पर गेहूं लदी ट्रैक्टर ट्रालियों की लंबी कतारें लगी हुई थी। किसानों को चिंता थी कि यदि उनके गेहूं की तौल न हुई तो उन्हें अपने गेहूं को घर वापस ले जाकर औने-पौने दामों पर बिचौलियों के हाथों बेचने पर मजबूर होना पड़ेगा। गेहूं बेचने के लिए अधिकांश केंद्रों में तीन से चार किसान अपनी ट्रालियों की रखवाली करते रहे। शासन के आदेशानुसार क्रय केंद्रों को हर रोज 50 किसानों का 350 क्विंटल ही धान खरीदना था।

ऐसे होती है बिचौलियों से खरीद : क्रय केंद्र प्रभारियों और बिचौलियों के बीच सांठगांठ नई नहीं है। इनकी जुगलबंदी जग जाहिर है। जिम्मेदार भी यह सब कुछ जानते हुए आंख मूंदे रहते हैं। जिसके चलते बिचौलिए किसानों से मनमाने दाम पर उनकी उपज खरीद लेते हैं। इसके बाद अपने चहेते लोगों की खतौनी के सहारे पंजीकरण कराने के बाद केंद्र पर गेहूं बेचने का खेल शुरू होता है। सूत्रों की माने तो इसके एवज में प्रभारी और बिचौलियों के मध्य 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल सुविधा शुल्क भी तय होती है।

कहीं बोरा की कमी तो कुछ ने तौल पूरी होने का किया दावा : मंगलवार को कई खरीद क्रय केंद्रों में किसानों को खरीद तौल पूरी होने तो कुछ क्रय केंद्रों में बोरों की कमी होने की बात कहकर वापस लौटा दिया गया। डेलपीर मंडी के दो नंबर क्रय केंद्र में तौल पूरी होने की बात किसानों से कहकर उनकी तौल नहीं की गई तो नरियावल के चार नंबर केंद्र में बोरों की कमी की बात कह खरीद नहीं की गई।

नोडल अधिकारी के पहुंचने से पहले कुछ को कराया शिफ्ट : बरेली मंडल के नोडल अधिकारी मासूम अली सरवर मंगलवार को जनपद पहुंचे। उनके निरीक्षण से पहले डेलापीर मंडी स्थित क्रय केंद्रों में आरएफसी जोगिंदर सिंह, आरएमओ राममूर्ति वर्मा, जिला खाद्य विपणन अधिकारी सुनील भारती पहुंचे। यहां क्रय केंद्रों के बाहर लगी भीड़ को देख उन्होंने कई किसानों को केंद्र नंबर एक पर तौल के लिए भेजा। वहीं अधिकारियों ने सभी किसानों की खरीद होने की बात कही।

बोले किसान : मलपुर रिठौरा के वीरपाल ने बताया कि सरकार गेहूं खरीद के नाम पर किसानों के साथ छलावा कर रही है। वह जानबूझ कर बिचौलियों के हाथों गेहूं बेचवाना चाहती है। डेलापीर के तीन नंबर केंद्र पर कई दिनों से चक्कर लगा रहा हूं तौल पूरी होने की बात कह अंतिम दिन वापस कर दिया गया।कोठमपुर बिलवा के किसान गेंदन लाल ने बताया कि किसानों की आड़ में क्रय केंद्रों द्वारा बिचौलियों से गेहूं खरीदा जा रहा है। गेहूं बेचने के लिए किसान परेशान हैं। 11 जून से ट्राली समेत डेलापीर मंडी में पड़े हुए हैं, अंतिम दिन भी निराशा हाथ लगी है। 

क्या कहते हैं अधिकारी : जिला खाद्य विपणन अधिकारी सुनील भारती ने बताया कि अंतिम दिन होने के चलते किसान परेशान थे, क्रय केंद्रों में शासनादेश के तहत ही खरीद प्रक्रिया की जा रही है। गेहूं खरीद शासन से 22 जून तक कर दी गई है। सभी पंजीकृत किसानों का गेहूं खरीदा जाएगा। 


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