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Air Pollution : कैसे बना रहा UP के बडे़ शहरों में युवाओं को अल्जाइमर का शिकार... खास रिपोर्ट Bareilly News

देश में तेजी से बढ़ रहा वायु प्रदूषण अब युवाओं को भूलने की बीमारी दे रहा है। वे अल्जाइमर का शिकार होने लगे हैं। हैरान कर देने वाली यह रिपोर्ट बरेली कॉलेज में युवाओं पर हुए एक शोध के दौरान सामने आई है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 08:26 AM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 01:56 PM (IST)
Air Pollution : कैसे बना रहा UP के बडे़ शहरों में युवाओं को अल्जाइमर का शिकार... खास रिपोर्ट Bareilly News
Air Pollution : कैसे बना रहा UP के बडे़ शहरों में युवाओं को अल्जाइमर का शिकार... खास रिपोर्ट Bareilly News

 हिमांशु मिश्र, बरेली : देश में तेजी से बढ़ रहा वायु प्रदूषण अब युवाओं को भूलने की बीमारी दे रहा है। वे अल्जाइमर का शिकार होने लगे हैं। हैरान कर देने वाली यह रिपोर्ट बरेली कॉलेज के जूलॉजी विभाग के वैज्ञानिक डॉ. केके सक्सेना के शोध से सामने आई है।

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डॉ. सक्सेना के मुताबिक, वायु प्रदूषण में मौजूद कण और केमिकल इंसान के तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इस कारण अभी तक जो बीमारियां केवल बुजुर्गो में होती थी अब वह युवाओं और बच्चों में भी होने लगी है। सांस नली के जरिये मस्तिष्क तक पहुंचने वाले केमिकल व प्रदूषण के कण सोचने, समझने व याद रखने की क्षमता को कम कर रहे। पीड़ित अल्जाइमर की बीमारी का शिकार होने लगता है। इससे मांसपेशियों की कमजोरी, आंखों में खून के धब्बे जमना, लाल चकते पड़ना, त्वचा की समस्याएं भी बढ़ गई हैं।

दिल्ली-एनसीआर सहित उप्र के बड़े शहर ज्यादा प्रभावित 

डॉ. केके सक्सेना के मुताबिक, जहां ज्यादा प्रदूषण है वहां इस तरह के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। दिल्ली-एनसीआर, उप्र के कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, बरेली, मेरठ,आगरा जैसे शहरों के लोग ज्यादा प्रभावित हैं।

किशोरों और युवाओं पर हुआ शोध

लगातार बढ़ते प्रदूषण के स्तर से अब इंसान समय से पहले बुजुर्ग होने लगा है। बच्चे और युवाओं में अल्जाइमर जैसी तमाम बीमारियां होने लगी हैं। पिछले कुछ सालों में इस तरह की बीमारियां युवाओं में तेजी से बढ़ी हैं।

-डॉ. केके सक्सेना, विभागाध्यक्ष, बरेली कॉलेज

दिमाग में टाऊ प्रोटीन का संतुलन बिगड़ने के कारण अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) हो रही है। इसके औसतन मरीज बढ़े हैं। हर महीने ओपीडी में 15 से 20 मरीज आते हैं।

- डॉ. आशीष कुमार, मनोरोग चिकित्सक

 


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