इस बार गुरु-पुष्य नक्षत्र में रखा जाएगा संतान के दीर्घायु के लिए व्रत, शुभ योग में मनेगी अहोई अष्टमी, जानिए पूजा का मुहूर्त
Ahoi Ashtami Vrat 2021 संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाने वाला व्रत अहोई अष्टमी 28 नवंबर यानी गुरुवार को मनाया जाएगा। इस बार अहोई अष्टमी पर तीन योग का महायोग बन रहा है। नक्षत्र और योग के उत्तम संयोग से यह व्रत मंगलकारी होगा।
बरेली, जेएनएन। Ahoi Ashtami Vrat 2021 : संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाने वाला व्रत अहोई अष्टमी 28 नवंबर यानी गुरुवार को मनाया जाएगा। इस बार अहोई अष्टमी पर तीन योग का महायोग बन रहा है। नक्षत्र और योग के उत्तम संयोग से यह व्रत मंगलकारी होगा। अष्टमी पर गुरु पुष्य योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि का शुभ योग बन रहा है।
इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र में सूर्योदय होगा। लेकिन सुबह 09:40 पर पुष्य नक्षत्र लग जाएगा। सप्तमी दोपहर 12:48 तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी। दरअसल, यह व्रत तारों की छाया में किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार अगर ऐसे शुभ संयोग पड़ जाएं तो इनमें किया गया कोई भी कार्य अनंत फलदायक होता है। आचार्य मुकेश मिश्रा ने बताया कि 27 योगों में सबसे कल्याणकारी शुभ योग भी इस दिन व्याप्त रहेगा। गुरु-पुष्य योग और शुभ योग के समागम के कारण अगर माताएं इस दिन उपवास रखेंगी तो उनकी संतान के जीवन में हमेशा सुख, शांति, समृद्धि और लक्ष्मी का वास होगा।
अहोई पर पूजा का समय
दिन में अहोई अष्टमी कथा सुनने और पूजन के लिए दोपहर 12:30 से 2 बजे के बीच स्थिर लग्न और शुभ चौघड़िया मुहूर्त का समय श्रेष्ठ है। संध्याकाल में अहोई माता के पूजन के लिए शाम 6:30 से 8:30 के बीच स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त होगा।