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Ahichhatra Tourism Spot : दस करोड़ से विकसित होगी गुरु द्रोणाचार्य की राजधानी, मेरठ एएसआई ने भेजा प्रस्ताव, बरेली डीएम को स्वीकृति का इंतजार

Ahichhatra Tourism Spot महाभारत कालीन अहिच्छत्र को बचाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मेरठ ने केंद्र सरकार तक प्रस्ताव को पहुंचाया है। 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र को छोड़कर प्रशासन अहिच्छत्र के आस-पास के क्षेत्र के सुंदरीकरण के लिए कार्य करने को तैयार है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 05:10 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 05:10 PM (IST)
Ahichhatra Tourism Spot : दस करोड़ से विकसित होगी गुरु द्रोणाचार्य की राजधानी, मेरठ एएसआई ने भेजा प्रस्ताव, बरेली डीएम को स्वीकृति का इंतजार
Ahichhatra Tourism Spot : दस करोड़ से विकसित होगी गुरु द्रोणाचार्य की राजधानी

बरेली, जेएनएन। Ahichhatra Tourism Spot : महाभारत कालीन अहिच्छत्र को बचाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मेरठ ने केंद्र सरकार तक प्रस्ताव को पहुंचाया है। 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र को छोड़कर प्रशासन अहिच्छत्र के आस-पास के क्षेत्र के सुंदरीकरण के लिए कार्य करने को तैयार है। दस करोड़ के प्रस्ताव तैयार करके प्रशासन ने अहिच्छत्र में पर्यटकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का खाका तैयार किया।

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बरेली से 50 किमी दूर रामनगर के अहिच्छत्र गुरु द्रोणाचार्य की राजधानी थी। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक अहिच्छत्र पांचाल नरेश द्रुपद के आधीन था। एएसआइ के महानिदेशक को अहिच्छत्र को संरक्षित करने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अहिच्छत्र के पुरातत्विक और एतिहासिक महत्व बताते हुए पर्यटन के लिहाज से विकसित करने का सुझाव दिया गया था। ताकि महाभारत कालीन सभ्यता के बारे में अधिक जानकारी हो सके। प्रशासन का प्रस्ताव था कि संरक्षित क्षेत्र के इर्द-गिर्द वह सुंदरीकरण के कार्य कराएगा। यहां मेरठ एएसआइ की तरफ से 300 मीटर के दायरे को प्रतिबंधित करार देते हुए निर्माण कराने से इन्कार किया गया है।

संरक्षित स्मारकों को सुरक्षित रखने के लिए नियम है सख्त

संरक्षित स्मारकों और उनके परिवेश को सुरक्षित रखने के लिए प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम 2010 के तहत संरक्षित स्मारक की चारों दिशाओं में न्यूनतम 100 मीटर क्षेत्र में निमार्ण प्रतिबंधित घोषित है। इसमें किसी भी प्रकार का नवनिर्माण व खनन कार्य प्रतिबंधित है। प्रतिबंधित क्षेत्र की चारों दिशाओं में 200 मीटर विनियमित क्षेत्र घोषित है। प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्मित भवनों की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार और विनियमित क्षेत्र में किसी भी प्रकार के नवनिर्माण के लिए पुरातत्व विभाग से अनुमति लेनी होती है।

मेरठ एएसआइ के साथ हमारी बातचीत चल रही है। प्रतिबंधित क्षेत्र में एएसआइ खुद, जबकि बाकी जगह में बरेली प्रशासन सुंदरीकरण करवा सकता है। एसएसआइ ने केंद्र सरकार तक प्रस्ताव पहुुंचाया है। - नितीश कुमार, डीएम बरेली


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