मतदान के दौरान प्रत्याशियों के गांव अहमदाबाद और ट्यूलिया पर टिकी रहीं नजरें
जेएनएन बरेली शहर हो या गांव हर वोट का महत्व है। उसी तरह बूथ की अहमियत है। उस पर भी बात दो मजब
जेएनएन, बरेली : शहर हो या गांव, हर वोट का महत्व है। उसी तरह बूथ की अहमियत है। उस पर भी बात दो मजबूत प्रत्याशियों के गांव की करें तो सियासी रसूख और बढ़ जाता है। बरेली लोकसभा के अहमदाबाद और ट्यूलिया ऐसे ही दो गांव हैं। बरेली शहर के क्षेत्र में आने वाला ट्यूलिया जहां भाजपा प्रत्याशी संतोष गंगवार का पैतृक गांव है। वहीं, नवाबगंज में आने वाला अहमदाबाद गठबंधन प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार का गांव। यही वजह है, कुर्मी सियासत के गढ़ इन गांवों में वोट भी जमकर पड़े।
ट्यूलिया में कुल 2249 वोट हैं। इसमें से 1606 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यानी करीब 71.4 फीसद वोटिंग हुई। वहीं, अहमदाबाद में 2386 मतदाता दर्ज हैं। इनमें से 1791 लोगों ने मतदान केंद्र पहुंचकर अपना प्रत्याशी चुना। यहां करीब 75 फीसद मतदान हुआ। केसर और वीरेंद्र का भी असर
अहमदाबाद गांव की एक और पहचान है। नेता और मंत्री का गांव। सपा सरकार में मंत्री रहे भगवत सरन गंगवार के अलावा नवाबगंज से भाजपा विधायक केसर सिंह और बसपा नेता वीरेंद्र सिंह भी इसी गांव से हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में केसर सिंह ने भगवत सरन गंगवार और वीरेंद्र सिंह के सामने लड़ते हुए विधायकी हासिल की थी। ऐसे में गांव के अंदर राजनीतिक घमासान काफी ज्यादा है। प्रमुख बातें
-सांसद संतोष और गठबंधन प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार के के पैतृक गांव में 70 फीसद से ज्यादा मतदान
- केंद्रों पर सुबह से शाम तक लगी रहीं लाइनें
-ट्यूलिया में कुल 2249 वोट हैं। इसमें से 1606 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यानी करीब 71.4 फीसद वोटिंग हुई।
-अहमदाबाद में 2386 मतदाता दर्ज हैं। इनमें से 1791 लोगों ने मतदान केंद्र पहुंचकर अपना प्रत्याशी चुना। यहां करीब 75 फीसद मतदान हुआ।