14 महीने लंबा इंतजार खत्म, अगम मौर्य बने सपा के जिलाध्यक्ष Bareilly News
सपा आलाकमान ने अगम मौर्य को जिलाध्यक्ष बनाने की घोषणा की तो प्रमुख दावेदार आह भरकर रह गए। अब यह और बात कि मीडिया के सामने यही कह रहे हैं कि यह अच्छा हुआ।
जेएनएन, बरेली : उम्मीद है, वे अब नहीं लड़ेंगे। अगर अहम का टकराव होगा तो भी अच्छी तरह सोच समझकर। समाजवादी पार्टी ने स्थानीय यादव नेताओं को यही संदेश देने का प्रयास किया है। उनकी आपसी खींचतान के बीच एक ऐसे शख्स को पार्टी की कमान सौंपी है, जो कहीं लड़ाई में नहीं थे। सपा में उन्हें बहुत अधिक वक्त भी नहीं हुआ है। पार्टी आलाकमान ने अगम मौर्य को जिलाध्यक्ष बनाने की घोषणा की तो प्रमुख दावेदार आह भरकर रह गए। अब यह और बात कि मीडिया के सामने यही कह रहे हैं कि यह अच्छा हुआ।
जिला समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष की बात करें तो उसका वनवास 14 महीने बाद खत्म हुआ है। इतने लंबे समय से जिले में पार्टी अध्यक्ष बगैर चल रही थी। यहां तक कि लोकसभा चुनाव तक में कार्यकारिणी को भंग ही रखा गया। चुनाव बीतने के बाद भी अध्यक्ष के नाम पर मंथन चलता रहा। दरअसल, सपा नेतृत्व की मजबूरी यह थी कि यादव नेताओं में मनभेद दूर नहीं हो पा रहे थे। वे बीच-बीच में अपनी बयानबाजी से टकराव का सुबूत भी देते रहते थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पास जाकर भी एक-दूसरे की शिकायतें करते थे। जब सपा मुखिया रामपुर जाते समय करीब दो माह पहले सर्किट हाउस में रात गुजारने रुके, तब भी पार्टी में गुटबाजी का मुद्दा प्रमुखता से उठा था। उन्होंने सबको नसीहत भी दी थी।
अब आखिरकार जिलाध्यक्ष की कुर्सी गैर यादव नेता को देकर यह जता भी दिया कि आपसी टकराव से कुछ हासिल नहीं होता। जहां तक अगम मौर्य को जिलाध्यक्ष बनाने के पीछे की मंशा का सवाल है, एक तो वह नये हैं, दूसरे जल्द पार्टी में उनका विरोध नहीं होगा। उन्हें अध्यक्ष बनाने के पीछे चर्चा यह है कि वह बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेद्र यादव की पसंद है। वजह यह बताई जा रही है कि बदायूं की सांसद डॉ. संघमित्र मौर्य बनी हैं। अगम मौर्य को जिलाध्यक्ष बनाकर पार्टी ने आंवला और बदायूं में जातिगत समीकरणों को साधा है। बहरहाल, पिछले लोकसभा चुनाव से पहले सपा में आए अगम मौर्य का कहना है कि वह सबको साथ लेकर चलेंगे। उनको जिलाध्यक्ष बनाए जाने पर निवर्तमान जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव और पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार का कहना है कि पार्टी का फैसला एकदम सही और स्वागत योग्य है।