यूपी कैबिनेट की मंजूरी के बाद बरेली में आइटी पार्क बनने का रास्ता साफ, जानिये उद्यमियों और आम जनता को क्या फायदा होगा
डिजिटल इंडिया परिकल्पना के लिए यूपी इलेक्ट्रानिक्स बरेली में आइटी पार्क विकसित करेगा। कैबिनेट मंजूरी के बाद बरेली में आइटी एक्सपर्ट तैयार होने की राह आसान हो चुकी हैं। चार साल में दो बार आइटी पार्क और साइंस पार्क के प्रस्ताव बनाए गए।
बरेली, जेएनएन। डिजिटल इंडिया परिकल्पना के लिए यूपी इलेक्ट्रानिक्स बरेली में आइटी पार्क विकसित करेगा। कैबिनेट मंजूरी के बाद बरेली में आइटी एक्सपर्ट तैयार होने की राह आसान हो चुकी हैं। चार साल में दो बार आइटी पार्क और साइंस पार्क बनाने की योजनाओं के बाद आखिरकार गुरुवार को बरेली के लिए आइटी पार्क की साैगात मिल ही गई।
16 साल से बंद पड़ी इंडिन टर्पेनटाइन रेजिन फैक्ट्री (आइटीआर) में 100 बेड के अस्पताल बनने का रास्ता साफ होने के बाद अब आइटी पार्क बनना भी तय हो चुका है। यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) की एक टीम ने सितंबर 2020 में आइटीआर की खाली पड़ी जमीन का मुआयना किया था। टीम ने फैक्टरी के खंडहर हो चुके प्रशासनिक भवन व बंगला नंबर 10 देखा था। शासन को टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इससे पहले अगस्त 2020 में तात्कालीन कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने प्रस्ताव के लिए शासन में पत्राचार कर रहे थे।
उद्यमियों को एक्सपर्ट देगा बरेली का आइटी पार्क
बरेली और आसपास के उद्यमियों को कंप्यूटर एक्सपर्ट के लिए दूसरे शहर और विदेश की ओर नहीं देखना पड़ेगा। आइटी पार्क विकसित होने से रुहेलखंड के युवाओं का आइटी की नौकरियों में दबदबा बढ़ जाएगा। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने सीबीगंज में आइटी पार्क बनाने के लिए शासन में पैरवी की थी। उन्होंने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्किल इंडिया के मकसद को हासिल करने के लिए बरेली के युवाओं के लिए इस प्रोजेक्ट को लाने में अहम भूमिका अदा की।