इस्तीफे के बाद पूर्व मंत्री धर्मपाल बोले- इतना दुखी हूं, हिमालय चला जाता Bareilly News
सिंचाई मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले धर्मपाल सिंह भ्रष्टाचार के आरोप उछलने से व्यथित हैैं। आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जांच का अनुरोध करेंगे।
जेएनएन, बरेली : पूर्व मंत्री धर्मपाल सिंह योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफे की वजह पर बात नहीं करना चाहते। उनका कहना है कि पार्टी का निर्णय सर्वोपरि होता और यह उनके लिए भी है लेकिन इस्तीफे के बाद जिस तरह का माहौल बना दिया गया, उसमें अपने घर और विधानसभा क्षेत्र आंवला जाने का मन नहीं था। साथ मौजूद दोनों बेटों से कह दिया था कि हिमालय की शरण में जाना चाहता हूं।
'जागरण' से बातचीत में आंवला के विधायक ने कहा कि निश्चिय किया कि हिमालय से तब तक नहीं लौटूंगा, जब जांच तक पूरी नहीं हो जाती। अगर गलत साबित होता तो जेल चला जाता। बेदाग निकलने पर ही आंवला जाता लेकिन, कई जिलों से समर्थक गुरुवार को रात में लखनऊ स्थित आवास आ गए। उनकी बात टाल नहीं सका। वे काफिले के साथ बरेली की सीमा तक छोडऩे को आए। मंत्री बनने के बाद भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की। पिछली सरकार के अधूरे छोड़े कामों को तेजी के साथ पूरा कराने का काम किया। तीन लाख हेक्टेयर नहरों में पानी पहुंचा। बुंदेलखंड के किसानों को काफी राहत मिली है। बरेली में भी रामगंगा बैराज पर नहरों खोदवाने के लिए किसानों को चार गुना मुआवजा देकर जमीन ली गई है। बिना जांच के कुछ भी कह देना खराब बात है।
कार्यकर्ताओं से बोले, धैर्य रखें
पूर्व सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह शुक्रवार शाम शहर पहुंचे। डाकखाने के सामने ही सड़क पर लगे पंडाल में उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि धैर्य रखें, पहले से अच्छा होगा। कार्यकर्ताओं ने धर्मपाल सिंह संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ है आदि नारे लगाए।
लगवाए पीएम मोदी के नारे
कार्यकर्ता सिर्फ उनके नारे लगा रहे थे। सिंचाई मंत्री ने तुरंत ही सबसे आग्रह किया कि वे भाजपा की जय के नारे भी लगाए। फिर भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जेपी नड्डा आदि के नारे कार्यकर्ताओं से स्वयं लगवाए।
भावुक हुए, फिर खुद को संभाला
संबोधन के दौरान वह कई बार भावुक दिखे। आरोपों के बारे में कहते हुए गला भर आया। इस बीच कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी तो उन्हें शांत किया।
जिलाध्यक्ष ने भी समझाया
कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद पूर्व सिंचाई मंत्री अपने भाई के आवास में गए। दूसरे जिलों से आए समर्थकों को अंदर बुलाकर बात की। आक्रोशित कार्यकर्ताओं को समझाने की जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह राठौर को सौंपी। बाद में अपने गांव गुलडिय़ा के लिए निकल गए। इस मौके पर आदेश प्रताप सिंह, सुधीश पांडेय, मोहन लाल राजपूत आदि मौजूद रहे।