दशकों बाद पूर्णिमा पर बन रहा ऐसा दुर्लभ संयोग, ऐसे करें पूजा तो मिलेगा लाखों गुना अधिक फल
सबसे खास बात तो यह है कि इस पूर्णिमा पर अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। जो स्नान दान करने वालों के लिए अभीष्ट फल देगा। गुरुवार के दिन गुरु पुष्य योग का निर्माण हो रहा है।
बरेली, जेएनएन। Guru Pukhya Nakshatra : पतित पावन मोक्षदायिनी पौष मास की पूर्णिमा इस बार कई शुभ संयोग लेकर के आ रही है। दरअसल इस पूर्णिमा से ही माघ महीने का मासिक स्नान शुरू होता है। इसको सर्वोत्तम स्नान माना जाता है। सबसे खास बात तो यह है कि इस पूर्णिमा पर अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। जो स्नान दान करने वालों के लिए अभीष्ट फल देगा।
आचार्य मुकेश मिश्रा बताते है कि गुरुवार का दिन और पुष्य नक्षत्र होने से गुरु पुष्य योग का निर्माण हो रहा है। गुरु पुष्य योग भी पूर्णिमा को दशकों बाद देखने को मिलता है। इसलिए इस दिन किया गया स्नान, ध्यान, पूजा, पाठ और दिनों की अपेक्षा लाखों गुना फलदायी रहेगा। इन दुर्लभ संयोग ने पौष पूर्णिमा के महत्व को बढ़ा दिया है। अगर घर में ही स्नान कर रहे हो तो पानी में गंगाजल मिलाकर नहाना चाहिए।
इस पूर्णिमा को ही माघ मास स्नान का संकल्प लिया जाता है। इस बार पूर्णिमा का मान सूर्योदय से लेकर के दिन रात व्याप्त रहेगा। ध्यान दें, इन दुर्लभ संयोगो में किया गया हर काम सफल होता है और स्थायित्व देता है। माता लक्ष्मी और विष्णु की पूजा आराधना विशेष करके लाभकारी होगी। जो जातक जन्म कुंडली में ग्रह बाधा से पीड़ित है उन जातकों को इस दिन स्नान दान जप करना चाहिए ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ेगा।