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कोरोना से जंग जीतने के बाद हंसना, बोलना छोड़ गुमसुम हो रहे लोग, ऐसा हो तो समझ जाएं हार्मोन का स्तर गड़बड़ा रहा

ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहे कई कोरोना संक्रमितों में मनोरोग की समस्या हावी हो रही है। ब्रेन में ऑक्सीजन आपूर्ति की सामान्य प्रक्रिया बिगड़ने से डोपामाइन सिरोटोनिन हार्मोन का स्तर गड़बड़ा रहा है। कोरोना से उबरने के बाद जब लोग घर पहुंच एकांत और अकेले में रह रहे हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 02:05 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 02:05 PM (IST)
कोरोना से जंग जीतने के बाद हंसना, बोलना छोड़ गुमसुम हो रहे लोग, ऐसा हो तो समझ जाएं हार्मोन का स्तर गड़बड़ा रहा
पोस्ट कोविड मरीजों में बढ़ रहीं मनोरोग की समस्याएं, खाना न खाना और दूरी बना लेना प्रमुख लक्षण।

बरेली, (अंकित गुप्ता)। ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहे कई कोरोना संक्रमितों में मनोरोग की समस्या हावी हो रही है। ब्रेन में ऑक्सीजन आपूर्ति की सामान्य प्रक्रिया बिगड़ने से डोपामाइन, सिरोटोनिन हार्मोन का स्तर गड़बड़ा रहा है। कोरोना से उबरने के बाद जब लोग घर पहुंच एकांत और अकेले में रह रहे हैं। हंसना, बोलना, खाना के लिए मना करते रहना और लोगों के बीच रहने से वह डर रहे हैं। यह लक्षण बताते हैं कि उनमें डोपामाइन और सिरोटोनिन हार्मोन का स्तर गड़बड़ा रहा है। इसके चलते दिमाग ठीक से काम नहीं करता और वह डिप्रेशन में चले जाते हैं।

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जिला अस्पताल के मनकक्ष प्रभारी डा. आशीष बताते हैं कि बीते कुछ दिनों से पोस्ट कोविड मरीजों का आना ज्यादा शुरू हुआ है। इसमें ज्यादातर में मनोरोग के लक्षण थे। बताया कि एक सप्ताह पहले शहर के सिविल लाइंस निवासी एक व्यापारी ने संपर्क किया। बताया कि पत्नी को कोविड हुआ था, लेकिन अब ठीक है। जबसे अस्पताल से आईं है, किसी से बात नहीं करती। खाना खाने को लेकर बराबर मना करती रहती हैं।

हंसती मुस्कुराती भी नहीं है। बात करने या पास जाने पर कोरोना बता कर दूर रहने को कहती है। बताया कि घर के काम काज सामान्य तरह से करती हैं। काउंसलिंग के दौरान जो लक्षण सामने आए वह सिटोनिनन और डोपामाइन दोनों हार्मोन के कम होने के थे। इसके वजह से वह डिप्रेशन में थीं। काउंसलिंग की गई, एक्सरसाइज और योग की सलाह दी गई। धीरे धीरे अब उनमें सुधार हो रहा है।

क्या है डोपामाइन : मंडलीय चिकित्सालय के मनोचिकित्सक डा. आशीष बताते हैं कि डोपामाइन हार्मोन हमारी ब्रेन पावर के लिए जिम्मेदार होता है। शरीर में डोपामाइन हार्मोन की कमी की वजह से थकावट, ध्यान न लगा पाना, भूलना, नींद न आना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। डोपामाइन के बढ़ने से अग्रेसन बढ़ता है और कम होने से अग्रेसन कम हो जाता है।

क्या है सेरोटोनिन : न्यूरोलॉजिस्ट डा. अंकुर गर्ग बताते हैं कि सेरोटोनिन ही वह हार्मोन है जो हमारे मूड को अच्छा बनाए रखता है। यह हमारे मष्तिष्क के जरिए हमारे मनोभावों को नियंत्रित करता है। यह हमें आत्मविश्वास देता है और सुरक्षा की भावना विकसित करता है। इसके कम होने से अस्थिरता आने लगती है।

हार्मोन का बेलेंस बिगड़ने से बढ़ती मानसिक विकृति : न्यूरोलॉजिस्ट डा. अंकुर गर्ग बताते हें कि मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी से हार्मोन या कहें न्यूरोट्रांसमीटर का बैलेंस खराब तो होता है। कई बार अकेले में रहने और एक ही चीज को बार बार देखने से मरीज डिप्रेशन में चला जाता है। ब्रेन एक परफेक्ट बैलेंस में जीता है। यह डोपामाइन, सेरोटोनिन, नोरएपीनेफरल और एसीटाइलकोलीन हार्मोन या कहें न्यूरोट्रांसमीटर के बैलेंस खराब होने से मानसिक विकृति बढ़ती है। कोविड में लोग अस्पताल में अकेले रहते हैं, काम न चल पाने से लोग परेशान होते हैं तो यह बैलेंस बिगड़ जाता है।


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