Action : दिल्ली से आया ये फरमान.. बरेली के इन क्षेत्रों में मचा हड़कंप
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के दिल्ली मुख्यालय से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तेल की धरपकड़ के फरमान के बाद टीमें सक्रिय हुई।
बरेली, जेएनएन। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के दिल्ली मुख्यालय से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तेल की धरपकड़ के फरमान के बाद टीमें सक्रिय हुई। श्यामगंज, माधोबाड़ी, परसाखेड़ा समेत चार गोदाम पर छापामारी करके करीब ढाई सौ लीटर तेल को जब्त किया गया है। नमूने भरकर लखनऊ लैब में जांच के लिए भेजा गया है। छापामारी के बाद कई कारोबारियों ने गोदाम से तेल हटा दिए हैं।
एक नामचीन कंपनी ने महीने भर पहले नया तेल बाजार में उतारा है। जिसकी पैकिंग में दी गई जानकारी में दावा किया गया है कि यह तेल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। बरेली में चार डिस्ट्रीब्यूटर भी बनाए गए हैं। जिनके जरिए बाजार की फुटकर दुकानों पर तेल उपलब्ध कराया गया और लोगों ने खरीदा भी। इस मामले की शिकायत दिल्ली मुख्यालय में हुई, जिसके बाद फरमान जारी हुआ कि ऐसा तेज फर्जी प्रतीत होता है। इसकी धरपकड़ होनी चाहिए। नमूनों की जांच रिपोर्ट सकारात्मक आने के बाद ही बिकने की अनुमति हो सकती है।
रिपोर्ट में पूछा गया कि तेल किस तरह से विकसित हुआ, कैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाएगा, बनाने में किन तत्वों का इसतेमाल किया गया, किसकी अनुमति ली गई। इन सवालों का जवाब अभी विभाग को नहीं मिला है। विभाग गोपनीय छानबीन कर रहा है। दिल्ली मुख्यालय भेजी गई रिपोर्ट परसाखेड़ा, श्यामगंज और माधोबाड़ी के तेल कारोबारियों के गोदाम में ऐसे ऑयल बरामद करने की रिपोर्ट दिल्ली मुख्यालय को भेजी जा रही है। दरअसल, निर्माता कंपनी ने तेल को बेचने के लिए लिखा कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
जबकि तेल में ऐसे गुण नहीं होते हैं। एक फरमान मछली की धरपकड़ का भी आया कोविड-19 के संक्रमण के बीच दिल्ली मुख्यालय से खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग में मछली की बिक्री पर निगरानी के लिए एक और आदेश आए हैं। जिसमें कहा गया है कि मछली की गुणवत्ता भी जांचनी है। बिक्री के स्थल पर साफ सफाई है या नहीं। इसके लिए भी विभाग की टीमें सक्रिय हुई है।
तेल खपाने की शिकायत दिल्ली मुख्यालय में की गई थी। वही से आदेश आने के बाद टीमें बरेली में सक्रिय हुई है। लैब में भेजे गए नमूनों में इस बाबत भी जांच होगी कि इस तेल में कौन से तत्वों का इस्तेमाल किया गया है। मिलावट जैसे साक्ष्य मिलने पर कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज भी हो सकता है। - धर्मराज मिश्रा, अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग