बरेली में साइलेंसर बदलकर बुलेट चलाने वालाें पर हुई कार्रवाई, जानिए कितने वाहनों के काटे चालान, कितनों को किया सीज
Action on Bullet Riders in Bareilly बुलेट का साइलेंसर बदलकर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ गुरुवार को संभागीय परिवहन विभाग प्रवर्तन की ओर से अभियान चलाया गया। इस दौरान 14 बुलेट के चालान किए गए। जबकि दो बुलेट को सीज कर थानों में उन्हें जमा कराया गया।
बरेली, जेएनएन। Action on Bullet Riders in Bareilly : बुलेट का साइलेंसर बदलकर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ गुरुवार को संभागीय परिवहन विभाग प्रवर्तन की ओर से अभियान चलाया गया। इस दौरान 14 बुलेट के चालान किए गए। जबकि दो बुलेट को सीज कर थानों में उन्हें जमा कराया गया। एआरटीओ प्रवर्तन प्रथम जेपी गुप्ता ने बताया कि आगे भी यह अभियान जारी रहेगा। साइलेंसर बदलकर चलने पर वाहन चालक का ध्वनि प्रदूषण फैलाने की धारा में चालान किया जाता है। 10 हजार रुपये का चालान होता है। मोडिफाइड साइलेंसर लगी बुलेट मोटर साइकिलों पर हाईकोर्ट के आदेश पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। जबकि दुबारा पकड़े जाने पर वाहन सीज किए जाने की चेतावनी दी गई।
काफी तेज होती है आवाज
पर्यावरण (संरक्षण) नियम, 1986 के अनुसार, मोटरसाइकिल और स्कूटर्स के लिए अधिकतम ध्वनि सीमा 80 डेसिबल है। फैक्ट्री माडल के स्टाक साइलेंसर में तीन फिल्टर होते हैं जो कम आवाज करते हैं। लेकिन माडिफाइड साइलेंसर के चलते कम से कम 120 डेसिबल की आवाज निकलती है। ऐसे एक्जास्ट सिस्टम को लगाने का खर्च कुछ हजार रुपये होता है। कुछ बुलेट में पटाखों जैसी आवाज करने वाले साइलेंसर भी लगे हैं।
आरटीओ से नहीं स्वीकृत हैं ऐसे बदलाव
एआरटीओ प्रशासन मनोज सिंह ने बताया कि फैक्ट्री माडल में कोई भी बदलाव गैरकानूनी है। अगर रीजनल ट्रांसपोर्ट आफिस से अप्रूवल न लिया गया हो। माडिफाइड साइलेंसर लगाने के लिए कैटलिटिक कनवर्टर हटाना पड़ता है। जबकि यही एग्जास्ट गैसों को फिल्टर करता है ताकि खतरनाक कण वातावरण में ना फैल सकें। बीएस-6 उत्सर्जन मानकों का पालन करने के लिए कैटलिटिक कनवर्टर जरूरी है। अगर आप कैटलिटिक कनवर्टर हटवा कर कोई और हाई-परफार्मेंस एक्जास्ट लगवाते हैं तो आपकी गाड़ी बीएस-6 के मानकों पर खरी नहीं उतरती।