15 साल पुराने छात्रवृत्ति घोटाले में कई कॉलेजों पर गिर सकती है गाज, तत्कालीन प्रधानाचार्यों की मांगी गई सूची
पंद्रह साल पहले हुए पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति वितरण के मामले में जिले के 15 इंटर कॉलेज सवालों के घेरे में आते दिख रहे हैं। जिनमें तीन इंटर कालेज बरेली के बहेड़ी के भी शामिल हैं। आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन की जांच में अनियमित्ताएं बरतने की बात सामने आयी है।
बरेली, जेएनएन। पंद्रह साल पहले हुए पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति वितरण के मामले में जिले के 15 इंटर कॉलेज सवालों के घेरे में आते दिख रहे हैं। जिनमें तीन इंटर कालेज बरेली के बहेड़ी के भी शामिल हैं। सूबे की आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन लखनऊ की तरफ से की गयी जांच में जिले के 15 इंटर कालेजों में छात्रवृत्ति वितरण में गंभीर अनियमित्ताएं बरतने की बात सामने आयी है। बीते 24 नवंबर को इस संबंध में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन ने जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया है कि सत्र 2003 से लेकर 2006 तक जो पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति वितरण हुआ। उसमें गंभीर अनियमित्ताएं बरती गयी हैं।
जांच अधिकारी की हुई नियुक्ति
मामले की जांच के लिए संगठन की तरफ से नरेंद्र सिंह को जांच अधिकारी बनाया गया है। वह इस मामले में तत्कालीन संबंधित प्रधानाचार्यों व पिछड़ा वर्ग छात्रवृत्ति वितरण सहायक पटल अधिकारी से पूछताछ के अलावा इंटर कालेजों के अभिलेखों की जांच भी करेंगे।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने मांगे प्रधानाचार्यों के कार्यालयों के नंबर
जांच में सहयोग के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक की तरफ से संबंधित 15 इंटर कालेजों को पत्र लिखकर तत्कालीन प्रधानाचार्यों का नंबर कार्यालय को उपलब्ध कराने के आदेश दिये हैं।
इन कॉलेजों की होगी जांच
राजकीय बालिका इंटर कालेज बरेली, कुंवर रंजीत सिंह इंटर कालेज बरेली, किसान इंटर कालेज फरीदपुर,आदर्श निकेतन इंटर कालेज अटामांडा,गोविंद बल्लभ पंत इंटर कालेज जिगनिया अभयराजपुर, चाचा नेहरू बाल मंदिर इंटर कालेज आंवला, श्री गोविंद सिंह इंटर कालेज माडल टाउन बरेली, एमजीएम इंटर कालेल बहेड़ी, इस्लामिया इंटर कालेज बरेली, गोविंद बल्लभ पंत बालिका इंटर कालेज बहेड़ी, महाराणा प्रताप इंटर कालेज हौसपुर, श्री कृष्ण इंटर कालेज नवाबगंज, खुसरू मेमोरियल इंटर कालेज सीबीगंज बरेली, गुरू नानक इंटर कालेज बहेड़ी।
क्या कहना है कि जिला विद्यालय निरीक्षक का
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. अमरकांत सिंह का कहना है कि जिन कॉलेजों में गड़बड़ी के आरोप हैं, वह पहले से ही चिन्हित हैं। मामला काफी पुराना है। जांच एजेंसी ने वहां के पूर्व प्रिंसिपल, शिक्षकों आदि की जानकारी मांगी थी, जो दे दी गई है।