पांच सौ रुपये न देने पर आरोपित ने युवक की कर दी थी हत्या, घर वालों ने आरोपित की बजाय दूसरों पर जताया था शक
बरेली मंडल के शाहजहांपुर जिले का चर्चित दलवीर हत्याकांड का गुरुवार को पुलिस ने राजफाश कर दिया है। हत्या पांच सौ रुपये उधारी न देने पर की गई थी। आरोपित के पास से पुलिस ने तमंचा व कारतूस भी बरामद किया है।
बरेली, जेएनएन। बरेली मंडल के शाहजहांपुर जिले का चर्चित दलवीर हत्याकांड का गुरुवार को पुलिस ने राजफाश कर दिया है। हत्या पांच सौ रुपये उधारी न देने पर की गई थी। आरोपित के पास से पुलिस ने तमंचा व कारतूस भी बरामद किया है। जबकि जिन तीन लोगों को राजनीतिक साजिश के तहत नामजद किया गया था, उन्हें पुलिस ने छोड़ दिया है।
मिर्जापुर थाना क्षेत्र के दोषपुर गांव निवासी दलवीर सिंह उर्फ गोविंद की 29 मार्च शाम को पड़ोसी गांव बानगांव में होली मिलन के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। स्वजन ने बानगांव निवासी अभिजीत सिंह उनके बेटे शिवप्रताप सिंह व भाई रामू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। आरोपितों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। लेकिन जब मामले की गहनता से जांच की गई तो हत्या बानगांव के ही योगेश उर्फ तेजू द्वारा की जाने की बात सामने आई। ऐसे में एसपी एस आनंद ने आरोपितों को जल्दबाजी में जेल भेजने के बजाय असली कातिल को पकड़ने के निर्देश दिए। एसपी के अलावा एएसपी ग्रामीण संजीव कुमार वाजपेयी भी इसकी मॉनीटरिंग कर रहे थे। गुरुवार सुबह तेजू को थानाध्यक्ष मानबहादुर सिंह ने कोला पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक तेजू ने जब दलवीर को उधार दिए गए पांच सौ रुपये वापस मांगे तो उसने कुछ दिन बाद देने की बात कही। ऐसे में शराब के नशे में तेजू ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
राजफाश के बाद खेली होली
होली के अगले दिन पुलिसकर्मी रंग-गुलाल खेलते है। लेकिन दलवीर की हत्या के बाद थानाध्यक्ष मानबहादुर सिंह ने इस बार राजफाश के बाद ही होली खेलने का निर्णय लिया था। दरअसल पुलिस के लिए यह हत्याकांड इसलिए और ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया था कि जिन लोगों को मृतक के स्वजन ने नामजद किया था।वह हत्या में शामिल नहीं थे। ऐसे में असली आरोपित को पकड़ना मुश्किल भरा था। गुरुवार को राजफाश करने के बाद थाने में पूरे स्टाफ ने एक-दूसरे के रंग-गुलाल लगाकर व मिठाई खिलाकर बधाई दी।
पुलिस का क्या है कहना
लोगों के बहकावे में आकर दलवीर के स्वजन ने तीन लोगों को नामजद किया था। जबकि पुलिस की जांच में असली कातिल दूसरा निकला। जिसने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है। जिन लोगों को पूर्व में नामजद किया गया था, उन्हें बरी कर दिया गया है।
संजीव कुमार वाजपेयी, एएसपी ग्रामीण