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रिटर्न करने से पहले ही भागी जमीन दिखाकर करोड़ों रुपए निवेश कराने वाली कंपनी, लोगों को दिया था ये झांसा

चिटफंड कंपनी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जमीन दिखाकर लोगों से करोड़ों रुपये निवेश कराए। फिर रिटर्न की बारी आने पर कंपनी रुपये लेकर भाग गए। सामने आया है कि आरोपितों ने उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड के कई शहरों में अपना कार्यालय खोल रखा था।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 11:37 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 11:37 AM (IST)
रिटर्न करने से पहले ही भागी जमीन दिखाकर करोड़ों रुपए निवेश कराने वाली कंपनी, लोगों को दिया था ये झांसा
रिटर्न करने से पहले ही भागी जमीन दिखाकर करोड़ों रुपए निवेश कराने वाली कंपनी, लोगों को दिया था ये झांसा

बरेली, जेएनएन। चिटफंड कंपनी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जमीन दिखाकर लोगों से करोड़ों रुपये निवेश कराए। फिर रिटर्न की बारी आने पर कंपनी रुपये लेकर भाग गए। सामने आया है कि आरोपितों ने उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड के कई शहरों में अपना कार्यालय खोल रखा था। चिटफंड कंपनी विजयश्री मल्टी सॉल्युशंस कॉरपोरेशन लिमिटेड वीएस ग्रुप ने एक साथ 2013 में बरेली समेत उत्तरप्रदेश के अन्य शहरों मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, भदोही, गोरखपुर, महाराजगंज के साथ उत्तराखंड के चमोली व अन्य शहरों में कार्यालय खोल रखा था। बकायदा स्टाफ भी रखा गया था। अब पुलिस ने सभी शहरों की पुलिस को ठगी के दस्तावेज भी भेजे हैं।

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सीबीगंज के लेबर कॉलोनी के रहने वाले पीड़ित राम मोहन सिंह ने रविवार को रकम दाेगुनी करने के नाम पर करीब चार लाख रुपये ठगी का मामला सामने आया है। सीबीगंज के लेबर कॉलोनी के रहने वाले राममोहन सिंह ने रविवार को मामले में चंदौसी के वैरनी के रहने वाले विजय सिंह यादव, आनंद कुमार यादव, सीबीगंज के अक्षय यादव उर्फ वीर सिंह, नवीन नगर मुरादाबाद के लोकेश कुमार यादव, रामपुर के सुरेंद्र पाठक व मुनाजिर हुसैन के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि विजय सिंह यादव इस चिटफंड कंपनी के रैकेट का सरगना है। अक्षय यादव, विजय का भाई है। अक्षय की सीबीगंज में ससुराल है। ससुराल के लोगों के जरिए वह अक्षय के संपर्क में आया।

इसके बाद अक्षय ने विजय से इज्जतनगर के मिनी बाईपास के कृष्ण विहार वाटिका में संचालित कार्यालय में मुलाकात कराई। विजय ने कंपनी का नाम विजयश्री मल्टी सॉल्युशंस कॉरपोरेशन लिमिटेड वीएस ग्रुप बताया। बकायदा कंपनी द्वारा चंदौसी में चलाई जा रही साइट के बारे में बताया। कटे हुए प्लाट की ऑनलाइन साइट भी दिखाई। प्लान समझाया। इस पर राम मोहन भरोसा कर बैठा। शुरुआत में सालभर के प्लान में पैसा लगाया। वापस भी हुआ। इसी के बाद राम मोहन ने अपने जानने वाले करीब 19 लोगों का पैसा लगवा दिया लेकिन, इसके बाद कंपनी पैसा तो जमा करवाती रही लेकिन, वापसी नहीं की।

 पीड़ित का बड़ा भाई भी गवां बैठा छह लाख

पीड़ित ने तीन लाख 64 हजार 623 रुपये गवाएं। जबकि उसके बड़े भाई ने छह लाख रुपये गवाएं। जिन 19 लोगों ने राममोहन के कहने पर रकम लगा रखी थी, वह राशि ही करीब 13 लाख रुपये है।

 पांच साल में डबल का दिया था झांसा

चिटफंड कंपनी ने माहवार प्लान के साथ एफडी का भी प्लान रखा था। पांच सौ व एक हजार रुपये प्रतिमाह के प्लान पर साल पूरा होने पर दस प्रतिशत बढ़ाकर राशि दी जाती थी। पांच साल में डबल का झांसा दिया गया था।

 मुरादाबाद में मुख्य आरोपित के खिलाफ दर्ज हो चुका है मुकदमा

पीड़ित के मुताबिक, मुख्य आरोपित विजय सिंह यादव के खिलाफ मुरादाबाद में इसी मामले में धोखाधड़ी की रिपोर्ट बीते साल हो चुकी है लेकिन, कार्रवाई न होने के चलते अब तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ।

 प्रकरण में गंभीरता से जांच के निर्देश दिए गए है। उत्तराखंड पुलिस से भी संपर्क किया गया है। - श्वेता यादव, सीओ थर्ड


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