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मुंहपका और खुरपका से बचाने के लिए बरेली में 9.3 लाख पशुओं को अगले माह लगेगी वैक्सीन

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) के तहत पशुओं को मुंहपका और खुरपका बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीन लगाई जा रही है। प्रदेश के 11 जिलों में टीकाकरण शुरू हो गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार यहां 9.3 लाख पशुओं को वैक्सीन लगनी है। संभवत अगले माह जिले को वैक्सीन मिलने के बाद टीकाकरण की शुरुआत हो सकती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 07:29 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 07:29 PM (IST)
मुंहपका और खुरपका से बचाने के लिए बरेली में 9.3 लाख पशुओं को अगले माह लगेगी वैक्सीन
मुंहपका और खुरपका से बचाने के लिए बरेली में 9.3 लाख पशुओं को अगले माह लगेगी वैक्सीन

जागरण संवाददाता, बरेली: राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) के तहत पशुओं को मुंहपका और खुरपका बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीन लगाई जा रही है। प्रदेश के 11 जिलों में टीकाकरण शुरू हो गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार यहां 9.3 लाख पशुओं को वैक्सीन लगनी है। संभवत: अगले माह जिले को वैक्सीन मिलने के बाद टीकाकरण की शुरुआत हो सकती है।

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वैक्सीन लगवाने से कोई पशु वंचित न रहे, इसके लिए पशुपालकों को जागरूक करने के लिए शासन की ओर से दो हजार रुपये प्रति ब्लाक की दर से विभाग को दिए गए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि प्रचार-प्रसार का कार्य टीकाकरण के दौरान व उससे एक सप्ताह पहले शुरू करना था लेकिन, ब्लाकवार वाल पेंटिग व वाहनों पर पोस्टर लगाकर पशुपालकों को जागरूक करना श़ुरू कर दिया है। विभाग की ओर से 20 से अधिक टीमें जिलेभर में अभियान चलाकर पशुओं को टीका लगाएंगी।

पशुपालक गांव में शिविर लगाने की कर रहे मांग

गांवों में पशुओं में संदिग्ध बीमारी फैलने की लगातार शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में पशुपालकों में खुरपका और मुंहपका बीमारी को लेकर डर बढ़ गया है। यही कारण है कि आए दिन पशुपालक गांव में शिविर लगाकर पशुओं की बीमारी की जांच के लिए विभाग के चक्कर काट रहे हैं।

इन पशुओं को नहीं लगेगी वैक्सीन

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. ललित कुमार वर्मा ने बताया कि खुरपका-मुंहपका बीमारी अधिकतर सर्दियों में बढ़ जाती है। ज्यादा बरसात होने पर भी इसके केस सामने आते हैं। बताया कि फिलहाल जो वैक्सीन विभाग को मिलेगी, उससे चार माह से कम आयु के पशु और आठ माह से अधिक गर्भित पशु वंचित रह जाएंगे।


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