इस कॉलेज में कुछ भी हो सकता है, गुरुजी से बस पढ़ाई की बात न करना Bareilly News
एलएलबी की मेरिट सूची में शामिल एक विद्यार्थी की छठी रैंक थी। अब वह प्रवेश की इच्छुक हैं। पहले तो प्रशासन प्रवेश देने को राजी हो गया। बाद में पत्र कार्यवाहक प्राचार्य के पास पहुंचा।
बरेली, जेएनएन : बरेली कॉलेज प्रशासन एडमिशन प्रक्रिया के दौरान नियम-कायदों की दुहाई देता रहा। काउंसिलिंग कराने वाले जो विद्यार्थी समय पर फीस नहीं जमा कर सके। वो एडमिशन से वंचित रह गए। दूसरी तरफ प्रवेश की तिथि समाप्त होने के बाद कॉलेज ने कथित रूप से करीब 67 एडमिशन किए। इनकी सीट लॉक कराने के लिए प्राचार्य ने एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति से विशेष अनुमति मांगी। इस तर्क के साथ कि इन छात्रों ने काउंसिलिंग कराकर फीस जमा कर दी थी। मगर ओटीपी न आने से सीट लॉक नहीं कर पाए। सोमवार को एलएलबी में एक ऐसे ही एडमिशन की मांग को लेकर पहुंचे एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. पूर्णिमा अनिल का घेराव किया। आरोप लगाया कि कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद 15 एडमिशन फर्जी तरीके से हुए। कुछ छात्रों से रुपये भी लिए गए।
एलएलबी की मेरिट सूची में शामिल एक विद्यार्थी की छठी रैंक थी। अब वह प्रवेश की इच्छुक हैं। सोमवार को कॉलेज पहुंचे। पहले तो प्रशासन प्रवेश देने को राजी हो गया। बाद में पत्र कार्यवाहक प्राचार्य के पास पहुंचा। उन्होंने आवेदन पत्र और मेरिट चेक कराई। छात्रनेताओं के मुताबिक कार्यवाहक प्राचार्य ने प्राचार्य से बात की तो उन्होंने एलएलबी में कोई भी नया एडमिशन करने से इन्कार कर दिया। दाखिले को मंजूरी न मिलने से छात्रनेता भड़क गए। प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाने लगे। चीफ प्रॉक्टर डॉ. वंदना शर्मा प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों के साथ पहुंचीं। छात्रनेताओं को शांत कराया। हालांकि कॉलेज की ओर से 42 सीटें बाद में लॉक कराने की बात सामने आ रही है। एनएसयूआइ के अवनीश चौबे, जिलाध्यक्ष फरहान अली समेत अन्य छात्रनेता मौजूद रहे।
मेरिट में न आने वालों के प्रवेश
छात्रनेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मेरिट में न आने वाले छात्रों को भी प्रवेश दिए हैं। इसमें 49 फीसद वाले छात्र भी शामिल है।
छात्रनेता एलएलबी में एक एडमिशन की मांग लेकर पहुंचे थे। उनका मांग पत्र ले लिया है। इसे प्राचार्य के समक्ष रखेंगे। -डॉ. वंदना शर्मा, चीफ प्रॉक्टर व मीडिया प्रभारी बरेली कॉलेज
बरेली कॉलेज प्रशासन ने सीट लॉक करने की विशेष अनुमति मांगी थी। पांच अगस्त तक इसका मौका भी दिया गया था। इसमें ऐसे विद्यार्थी शामिल थे, जिन्होंने फीस जमा कर दी और सीट लॉक नहीं हुई थी। प्राचार्य के पत्र के आधार पर उन्हीं की सीट लॉक की गई है। -डॉ. आलोक सक्सेना, प्रभारी प्रवेश कंट्रोल रूम रुविवि