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पीएचडी में प्रवेश के लिए 4500 अभ्यर्थियों ने किया आवेदन Bareilly News

महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखंड विश्वविद्यालय (रुविवि) और संबद्ध महाविद्यालयों से पीएचडी करने के लिए इस बार 4500 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 08:53 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 05:59 PM (IST)
पीएचडी में प्रवेश के लिए 4500 अभ्यर्थियों ने किया आवेदन Bareilly News
पीएचडी में प्रवेश के लिए 4500 अभ्यर्थियों ने किया आवेदन Bareilly News

जेएनएन, बरेली : महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखंड विश्वविद्यालय (रुविवि) और संबद्ध महाविद्यालयों से पीएचडी करने के लिए इस बार 4500 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। पिछली बार की अपेक्षा एक हजार आवेदन कम हुए हैं। हालांकि, पिछली बार कुल 27 विषयों के लिए आवेदन मांगे गए थे। इस बार सुपरवाइजर की कमी के चलते 23 विषय में ही आवेदन हुए हैं।

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सफल अभ्यर्थियों का कराया जाएगा इंटरव्यू

पीएचडी प्रवेश परीक्षा के समन्वयक प्रो. बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि 2010 के बाद रुविवि की ओर से दूसरी बार प्रवेश परीक्षा का आयोजन कराया जा रहा है। चूंकि, चार विषय कम हुए हैं इसलिए पिछली बार की अपेक्षा एक हजार आवेदन में भी कमी हुई है। इस बार लॉ, भूगोल, फार्मेसी और गृह विज्ञान में सुपरवाइजर न होने के चलते पीएचडी में प्रवेश नहीं लिया जाएगा। प्रो. त्रिपाठी के मुताबिक, नवंबर अंतिम सप्ताह या फिर दिसंबर के पहले सप्ताह में प्रवेश परीक्षा आयोजित करा दी जाएगी। इसके बाद सफल अभ्यर्थियों का इंटरव्यू कराया जाएगा। इंटरव्यू में अंतिम रूप से सफल अभ्यर्थियों को कोर्स वर्क कराया जाएगा।

दो प्रश्न पत्र होंगे, पूछे जाएंगे ऑब्जेक्टिव सवाल 

प्रो. त्रिपाठी के मुताबिक, प्रवेश परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होंगे। पहला जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट और दूसरा विषय पर आधारित होगा। जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट सभी के लिए कॉमन रहेगा और 100 अंकों के इसमें प्रश्न होंगे। जबकि दूसरा विषय आधारित प्रश्न होगा। जिस विषय के लिए अभ्यर्थी ने आवेदन किया है उससे जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। यह दो सौ अंकों का होगा।

राज्यपाल आनंदीबेन से कुलपति करेंगे मुलाकात 

रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला 15 अक्टूबर को राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात करेंगे।  वह विवि से जुड़ी तमाम समस्याओं से उन्हें रूबरू कराएंगे। निस्तारण पर चर्चा करेंगे।राज्यपाल ने स्वयं सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति को निर्देश दिया है, कि प्रत्येक माह के 15 तारीख को अपनी समस्याएं सीधे उनके सामने रख सकते हैं। अगली मुलाकात में पुरानी समस्याओं के निस्तारण की प्रगति आख्या प्रस्तुत करनी होगी। मतलब काम हुआ या नहीं यह बताना होगा। अगर काम नहीं होगा तो उसके लिए जिम्मेदार अधिकारी पर राज्यपाल खुद कार्रवाई सुनिश्चित करेंगी। बैठक के लिए कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने तैयारी शुरू कर दी है। बताया जाता है कि वह विवि में डिप्टी रजिस्ट्रार, असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद सहित कई विभागों में शिक्षकों, कर्मचारियों के पद भी रिक्त पडे़ है। जिनको भरने की मांग के साथ विवि की प्रगति रिपोर्ट भी पेश करेंगे।


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