कॉलेज बस बनी आग का गोला, 45 छात्राें ने कूदकर बचाई जान
बरेली-फरीदपुर हाईवे पर निजी कॉलेज की जलती बस दौड़ते देखी तो राहगीरों तक में चीख-पुकार मच गई।
जेएनएन, बरेली : दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर निजी कॉलेज की बस आग का गोला बनकर दौड़ती रही। राहगीरों ने देखा तो चीख-पुकार मचाई। अंदर बैठे 45 छात्र-छात्राएं भी चीख रहे थे मगर चालक ने बस नहीं रोकी। फरीदपुर के पास निर्माणाधीन टोल प्लाजा के पास बस की गति धीमी हुई। सामने यूपी 100 के पुलिसकर्मियों ने इशारा किया तब चालक ने ब्रेक लगाए। तब तक लपटें ऊपर तक पहुंच चुकी थी। जान बचाने के लिए बस में बैठे छात्र-छात्राएं शीशा तोड़कर नीचे कूदे तो कोई गेट से बाहर की ओर भागा। चंद मिनट में बस से धुआं का गुबार उठने लगा।
चार किमी तक बाइक को घसीटती ले गई बस, चिंगारी से लगी आग
जेड़ गांव के सामने लोटस मैनेजमेंट एवं इंजीनियरिंग कॉलेज की बस ने बाइक सवार पिता-पुत्र राकेश व रवि को टक्कर मारी। वे दोनों छिटककर दूर जा गिरे, जबकि बाइक बस के नीचे ही फंस गई। हड़बड़ाया चालक बस दौड़ाने लगा। चार किमी तक बाइक बस के पहिये में फंसकर रगड़ती चली गई। पेट्रोल टैंक से रिसाव होने और रगड़ के दौरान निकली चिंगारी से बस में आग लग गई। इस बीच बस के डीजल टैंक तक भी लपटें पहुंच गई। इसी कारण पूरी बस राख हो गई।
छात्र बोले, रोकने को कहा तो चालक ने हड़का दिया
जब यूपी 100 ने बस रुकवाई तो चालक वसीउल्ला ने भागने की कोशिश की मगर पकड़ लिया गया। हेल्पर अमरदीप भी पकड़ा गया। दोनों बोले कि हादसे के बाद भीड़ पिटाई न लगाए इसलिए बस दौड़ा दी। दूसरी ओर बस में सवार छात्र, छात्राओं के चेहरे पर दहशत साफ दिखी। बोले कि बाइक को टक्कर लगने के बाद हम लोगों ने कहा कि बस रोक दो। मगर चालक ने डांट दिया। बस की रफ्तार बढ़ाता चला गया।
बस में नहीं थे अग्निशमन उपकरण
हादसे की सूचना पर फरीदपुर सीओ रामानंद राय, इंस्पेक्टर सतीश कुमार, तहसीलदार बृजपाल सिंह मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड बुला ली गई। एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। जांच हुई तब पता चला कि बस में अग्निसुरक्षा के संसाधन भी नहीं थे।
डग्गामार बस को स्कूल प्रबंधन ने कैसे दी हरी झंडी
जो बस कॉलेज में लगी थी, वह डग्गामार थी। नियमानुसार न तो पीले रंग से पेंट कराई गई और न ही आग बुझाने के संसाधन थे। इसके बावजूद कॉलेज प्रबंधन ने इस बस को छात्रों के लिए लगा दिया। वहीं बस मालिक का कहना था कि उसकी दो बसें हैं। स्कूल वाली बस आज खराब हो गई थी इसलिए अपनी प्राइवेट बस भेज दी थी।
धूं-धूकर जली बस तो हाईवे हुआ जाम
हाईवे पर बस को धूं-धूकर जलते देख राहगीर व ग्रामीण किनारे खड़े हो गए। हाईवे पर दोनों ओर लंबा जाम लग गया। आग की लपटें देख खेतों में काम कर रहे लोग भी पहुंच गए। कुछ आग बुझाने में लगे तो कुछ ने छात्र, छात्राओं को उनके घर पहुंचने का इंतजाम किया। भीषण लपटों के कारण दमकल की टीम भी बीस मीटर दूर ही ठिठक गई। वहीं से पानी की बौछार की गई।
यूपी 100 की टीम ने बचा लिया बड़ा हादसा
हादसे के बाद चालक बस को दौड़ाए लिए जा रहा था, गनीमत रही कि टोल प्लाजा के पास खड़ी यूपी 100 की टीम ने बस रुकवा ली और आनन-फानन सभी छात्र-छात्राएं नीचे उतर गए। अगर समय रहते पुलिस न चेतती तो सभी उसमें जिंदा जलकर राख हो जाते।
इसी तरह जली थी रोडवेज बस, जिंदा जल गए थे 24 यात्री
हाईवे पर बस से निकलती लपटें देखकर लोगों को दो साल पहले हुआ हादसा याद आ गया। जब पांच जून 2017 की रात को बरेली से गाेंडा जा रही रोडवेज की बस इंवर्टिस तिराहा पर ट्रक से टक्कर लगने के बाद आग का गोला बन गई थी। रोडवेज बस के डीजल टैंक में आग लगने से उसमें सवार यात्रियों को बचने का मौका तक नहीं मिला था। कुल 24 लोगों की जान उस हादसे में गई थी। जिनमें महिलाओं व बच्चों की संख्या ज्यादा थी।
बस की फिटनेस प्रमाणपत्र चेक करेगी पुलिस
हादसे के बाद आलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही। जिसके तहत पुलिस व दमकल विभाग बस की फिटनेस प्रमाणपत्र चेक करेगी। इसी के साथ आरटीओ कार्यालय से भी बस के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
बेटी की डोली उठने से पहले पिता की उठी अर्थी
हादसे में बाइक सवार किराना कारोबारी राकेश की मौत हो गई। बेटे रवि की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिजनों ने बताया कि राकेश ने बेटी की शादी वहीं रहने वाले फौजी से तय की थी। परिवार में तैयारियां चल रही थीं। कार्ड बांटने और बरेली से कुछ सामान खरीदने के लिए राकेश व रवि बाइक से गए थे। वापस आते वक्त बस ने टक्कर मार दी। दोनों को अस्पताल भेजा गया मगर राकेश की जान नहीं बचाई जा सकी। सूचना मिली तो परिजनों में कोहराम मच गया। राकेश बेटी की डोली उठाने की तैयारी में लगे थे। पूरा परिवार खुश था। मगर उससे पहले राकेश की अर्थी उठ गई।
पांच साल पहले एक बेटे को हादसे में खो दिया था
पांच साल पहले भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें राकेश के परिवार को गहरा सदमा दिया था। पांच साल पहले उनके एक बेटे की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। अब इस हादसे ने राकेश को छीन लिया।
गंभीर चूक व लापरवाही के कारण हुआ हादसा
जिस तरह से हादसा हुआ है वह गंभीर चूक व लापरवाही का नतीजा है। घटना के संबंध में अभी तक कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सतीश यादव, इंस्पेक्टर फरीदपुर