एक उड़ान के लिए 22 साल इंतजार, अब पूरी हुई आस
शहर के लोगों को दिल्ली की पहली उड़ान के लिए 22 साल का इंतजार करना पड़ा। 23 अगस्त 1997 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने नागरिक उड्डयन टर्मिनल का शिलान्यास किया था लेकिन जमीन अधिग्रहण और टर्मिनल निर्माण में वर्षो गुजर गए। टर्मिनल बनकर तैयार हुआ तो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने उद्घाटन किया।
बरेली, जेएनएन : शहर के लोगों को दिल्ली की पहली उड़ान के लिए 22 साल का इंतजार करना पड़ा। 23 अगस्त 1997 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने नागरिक उड्डयन टर्मिनल का शिलान्यास किया था, लेकिन जमीन अधिग्रहण और टर्मिनल निर्माण में वर्षो गुजर गए। टर्मिनल बनकर तैयार हुआ तो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने उद्घाटन किया। टर्बो एविएशन के डॉर्नियर प्लेन के जरिये दिल्ली की पहली उड़ान का एलान किया, लेकिन जेट एयरवेज पहले ही दिवालिया हो चुकी थी। आखिरकार एयर इंडिया की सहयोगी कंपनी एलायंस एयर के अधिकारियों ने जनवरी में टर्मिनल का दौरा किया। साथ ही, इंडिगो एयरलाइंस ने भी अप्रैल से बरेली से दिल्ली के हवाई रूट पर उड़ान देने का एलान किया। अब एलायंस एयर के सीनियर एग्जीक्यूटिव शेल जैन की तरफ से जारी पत्र में आठ से 27 मार्च तक का शेड्यूल जारी हुआ है।
बता दें कि छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए उड्डयन मंत्रालय ने रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत 17 रूट जारी किए। इनमें बरेली-दिल्ली रूट को शामिल किया गया था। उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा था कि पहली उड़ान के लिए एटीआर-72 की सुविधा कंपनी अपने ग्राहकों को देगी। बरेली टर्मिनल पर बरेली एयरपोर्ट का बोर्ड भी लगा दिया गया है। अभी उड्डयन मंत्रालय की तरफ से एयरपोर्ट का नामकरण नहीं हो सका है।
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एलायंस एयर से जारी रूट :
दिल्ली-बरेली - बुधवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार
बरेली-दिल्ली - बुधवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार
समय
- दिल्ली से सुबह नौ बजे उड़कर बरेली दस बजे पहुंचेगी
- बरेली से सुबह 10.30 बजे उड़कर दिल्ली 11.30 बजे पहुंचेगी
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एलायंस एयर ने इन रूटों का भी किया एलान :
बिलासपुर-प्रयागराज
प्रयागराज-बिलासपुर प्रयागराज-दिल्ली
दिल्ली-प्रयागराज
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हेडक्वार्टर की स्वीकृति के बाद शुरू होगी बुकिग
इंडिगो एयरलाइंस के ट्रैवेल पार्टनर साकेत भूषण गुप्ता के मुताबिक एलायंस एयर ने रीविजन लेटर बरेली, प्रयागराज, बिलासपुर तीन हवाई रूट का शेड्यूल डायरेक्टर ऑपरेशन एयर हेडक्वार्टर वायु भवन दिल्ली को भेजा है। वहां से स्वीकृति के बाद बुकिग शुरू होगी। उन्होंने बताया कि एयरलाइंस को डीजीसीए ऑपरेशन की अनुमति देता है। मौजूदा समय में 80 फीसद क्षमता पर उड़ान दी गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी और त्रिशूल एयरबेस की स्वीकृति चाहिए। एयरफोर्स की भी स्वीकृति अनिवार्य है।
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पुराने पोर्टिको से होगी शुरुआत
पीलीभीत हाईवे पर मयूर वन चेतना के पास स्थित एयर टर्मिनल में मुख्य प्रवेश द्वार से दाखिल होने के बाद चेक इन की औपचारिकता पूरी करनी होगी। इसके बाद यात्रियों को पुराने पोर्टिको में इंतजार करना होगा। यहां से बस उन्हें एयरबेस के वॉच टॉवर नंबर 45 तक लेकर जाएगी। एटीआर-72 उड़ान के लिए त्रिशूल एयरबेस का रनवे इस्तेमाल होगा। अभी टर्मिनल का नामकरण होना बाकी है।
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एलायंस एयर के शेड्यूल को लेकर हमारी तैयारी पहले से थी। टर्मिनल तैयार है। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- राजीव कुलश्रेष्ठ, डायरेक्टर, एयरपोर्ट अथॉरिटी लंबे समय से केंद्र में प्रयास किया जा रहा था। बरेली के लोगों को बधाई। अब उनकी दिल्ली से दूरी कम हो चुकी है। आने वाले वक्त में लखनऊ और प्रयागराज के लिए भी उड़ान मिलेगी।
- संतोष गंगवार, केंद्रीय मंत्री उड्डयन मंत्रालय में लंबी पैरवी करनी पड़ी, लेकिन यह सुखद है कि बरेली के लोगों को उड़ान मिल रही है। कुछ और हवाई मार्ग प्रतीक्षा सूची में हैं।
- धमेंद्र कश्यप, सांसद, आंवला
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एक्सपोर्टर्स में खुशी : जरी, सुरमा कारोबार की दूसरे देशों से दूरी हुई कम
जासं, बरेली: जरी-जरदोजी और बरेली के सुरमा का कारोबार विदेशों तक फैला है। एक्सपोर्टर्स के लिए उड़ान शुरू होने से कारोबार कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। दिल्ली तक आने वाले विदेशी अब बरेली घूमने भी आएंगे। जाहिर सी बात है कि इससे जरी-जरदोजी और सुरमा दोनों कारोबार को पंख लगेंगे। विदेशों से आने वाले ग्राहक दिल्ली तक ही पहुंचते थे। अब उनकी पहुंच यहां तक होगी। इससे कारोबार पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
- सलमान ईलाही, जरी एक्सपोर्टर हमारा 25 देशों को गाउन व हैंडवर्क से तैयार कपड़ा सप्लाई होता है। दिल्ली के लिए फ्लाइट शुरू होने से एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी होगी।
- सुदीप राजगढि़या, जरी एक्सपोर्टर बरेली में तैयार किए जाने वाले गाउन की दूसरे देशों में अच्छी मांग होती है। दिल्ली के लिए फ्लाइट सुविधा शुरू होने से यह व्यापार और प्रगति करेगा।
- शिखा, जरी एक्सपोर्टर हम सुरमा निर्माता हैं। उड़ान शुरू होने से देश और विदेश की पार्टियां अब बरेली तक आसानी से आ सकेंगी। उनसे सीधा संपर्क हो सकेगा।
- शाहवेज हासमी, सुरमा कारोबारी
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उद्यमी की राय: टेक्सटाइल पार्क के लिए बड़े ग्रुप के बरेली आने की उम्मीद जगी
जासं, बरेली: उद्यमी मानते हैं कि आइटी इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट के बरेली में आकर काम करने के रास्ते खुल रहे हैं। विदेशी खरीदार बरेली तक आ सकेंगे। चाइना से फर्नीचर आ सकता है। यहां का फर्नीचर भी जा सकता है। मिठाई दिल्ली में 200 रुपये महंगी है। अब बरेली आने वाले यहीं से खरीद सकेंगे। फूड बेस्ड इंडस्ट्री को भी बहुत सपोर्ट मिलेगा। टेक्सटाइल पार्क के लिए बड़े ग्रुप के बरेली आने की उम्मीद जगी है। बेंत, फर्नीचर, कपड़ा, दवा, हर उद्यम के लिए संभावनाएं बढ़ी हैं। टेक्सटाइल पार्क के लिए बड़े ग्रुप के आने की संभावना जगी है। उद्यमियों को बहुत फायदा होगा।
- दिनेश गोयल, रामा-श्यामा पेपर मिल मुंबई से आने वालों को दिल्ली सात बजे पहुंचना होगा। तब वह नौ बजे की उड़ान ले सकेंगे। हमें सात दिन की उम्मीद थी, लेकिन चार दिन ही मिले हैं।
- सुरेश सुंदरानी, उद्यमी
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उड़ान से आइटी, तकनीकी शिक्षा की मजबूत होगी जमीन
- बेंगलुरू या तकनीकि शिक्षा के अन्य इंस्टीट्यूट से बुलाए जा सकेंगे प्रोफेशनल और स्पीकर
जागरण संवाददाता, बरेली : मेडिकल शिक्षा की तरह ही तकनीकी शिक्षा को भी दिल्ली से बरेली के बीच शुरू हुई फ्लाइट से मजबूत जमीन मिलेगी। जिले में वैसे तो कई संस्थान हैं, जहां बेहतर फैकल्टी से तकनीकी शिक्षा मिलती है। बावजूद इसके, कई बार अंतरराष्ट्रीय सेमिनार कराने के लिए देश -विदेश के प्रोफेशनल और स्पीकर भी क्लास की जरूरत होती है। दिल्ली से बरेली के बीच सड़क या रेलमार्ग से पांच से छह घंटा लगता है। ऐसे में समय की कमी के चलते अधिकांशत: सेमिनार वर्चुअल होते थे या रद हो जाते थे। जो अब नहीं होंगे। वहीं, जो विद्यार्थी बेंगलुरू जैसी जगह जाना चाहता हैं, उन्हें भी सुविधा मिलेगी। अभी तक नेशनल और इंटरनेशनल प्रोफेशनल और स्पीकर दिल्ली से बरेली आने से बचते थे। वजह, यहां आने में पांच से छह घंटे का सफर लगता था। अंतरराष्ट्रीय सेमिनार भी इसी वजह से नहीं होती थीं। अब इसमें इजाफा होगा।
- डॉ.मनीष शर्मा, महानिदेशक, फ्यूचर ग्रुप शहर के विकास के लिए दिल्ली से शुरू हुई फ्लाइट काफी बेहतर है। इससे आइटी कंपनी, इंजीनियरिग और मैनेजमेंट सेक्टर को काफी बढ़ावा मिलेगा। सीनियर कंपनी के अफसर यहां आएंगे, इससे कैंपस इंटरव्यू बढ़ेगा।
- विनय खंडेलवाल, कार्यकारी निदेशक, केसीएमटी दिल्ली से शहर आने वाली फ्लाइट की टाइमिग काफी बेहतर है। बेंगलुरू या किसी और जगह से आइटी प्रोफेशनल्स या फैकल्टी बुलाना अब आसान होगा। हालांकि बरेली से वापसी की फ्लाइट रात को होती तो और लाभ मिलता।
- डॉ.अनुपम कपूर, चेयरमैन, सिद्धि विनायक ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस फ्लाइट शुरू होने से बरेली स्मार्ट सिटी की दिशा में उड़ान भरेगा। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अब विद्यार्थियों को अब केवल विशेषज्ञों की वर्चुअल क्लास पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
- डॉ.उमेश गौतम, कुलाधिपति, इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी
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फ्लाइट से मेडिकल शिक्षा और बेहतर इलाज को मिलेगी उड़ान
- जिले में 03 मेडिकल कॉलेज और 250 से ज्यादा छोटे-बड़े अस्पताल
जागरण संवाददाता, बरेली : जिले में तीन मेडिकल कॉलेज हैं। इसके अलावा 250 से ज्यादा छोटे-बड़े अस्पताल भी हैं। यहां से देश की राजधानी तक फ्लाइट का सीधा फायदा मेडिकल स्टूडेंट्स और जिले के मरीजों को मिलेगा। डॉ.विनोद पागरानी और डॉ.सौरभ गोयल भी मानते हैं कि फ्लाइट शुरू होने से मेडिकल फील्ड में लोगों को काफी मदद मिलेगी। दिल्ली में इलाज कराने के लिए जाने में समय कम लगेगा। दिल्ली से विशेषज्ञ आने में भी आसानी होगी।
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दिल्ली के लिए फ्लाइट शुरू होने से बरेली के विकास में चार चांद लगेंगे। यहां तीन मेडिकल कॉलेज हैं। कई इंजीनियरिग कॉलेज हैं, जहां त्रिपुरा, मेघालय, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु से स्टूडेट आते हैं। अब इन स्टूडेट्स के अभिभावक आसानी से पहुंच सकते हैं।
- डॉ.केशव अग्रवाल, चेयरमैन, रोहिलखंड मेडिकल कालेज फ्लाइट इस समय बेस्ट मोड ऑफ ट्रांसपोर्ट है। तकनीक और मेडिकल के क्षेत्र के विशेषज्ञों को अब बाहर से बुलाया जा सकेगा। यहां के डॉक्टर भी कांफ्रेंस और फैकल्टी के रूप में देश-विदेश जाते हैं, इन्हें भी सुविधा मिलेगी। अब बरेली का रोल और अहम होगा।
- आदित्य मूर्ति, डायरेक्टर, एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज अब अच्छे डॉक्टर बरेली के लिए मिल सकेंगे। मेडिकल कॉलेज को भी अच्छी फैकल्टी मिलेगी। इससे स्टूडेट्स को भी काफी बढ़ेगा। बाहर से विशेषज्ञ बुलाकर एजुकेशन और इलाज के लिहाज से भी काफी सुविधा मिलेगी। अन्य बड़े शहरों से सीधी कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
- राजेंद्र अग्रवाल, चेयरमैन, राजश्री मेडिकल कॉलेज बरेली से दिल्ली की फ्लाइट शुरू होने से शहर के ऐसे कई मरीजों को सुविधा मिल सकेगी, जो इलाज के लिए दिल्ली जाते हैं। विशेषज्ञ भी इलाज के लिए समय-समय पर आ सकेंगे। इसके अलावा मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी यह विद्यार्थियों को नई उड़ान देगी।
- डॉ.मनोज कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष, आइएमए