18,593 लोगों को मिला ब्याज पर ब्याज का पैसा
लॉकडाउन के दौरान बैंक के लोन की किस्त न चुका पाने वालों से वसूले जाने वाले ब्याज पर ब्याज की रकम का भुगतान सरकार की ओर से किया जाने लगा है। गुरुवार को विभिन्न बैंकों ने जनपद के 1
बरेली, जेएनएन : लॉकडाउन के दौरान बैंक के लोन की किस्त न चुका पाने वालों से वसूले जाने वाले ब्याज पर ब्याज की रकम का भुगतान सरकार की ओर से किया जाने लगा है। गुरुवार को विभिन्न बैंकों ने जनपद के 18,593 खाताधारकों के खातों में ब्याज पर ब्याज की रकम को कैशबैक के तौर पर जमा किया। हालांकि इसकी शुरुआत पांच नवंबर से होनी थी। लेकिन बैंकों ने तत्परता दिखाते हुए करवाचौथ पर ही कई लोगों के खातों में पैसा हस्तांतरित कर दिया। जिन्होंने लोन की किस्त समय पर जमा की, उन्हें रकम के मुताबिक वार्षिक ब्याज पर ब्याज का पैसा वापस किया गया है। इस योजना के तहत ऑटो, पर्सनल, क्रेडिट कार्ड, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ड्यूरेबल और मेडिकल लोन लेने वालों को ब्याज पर ब्याज की छूट मिलेगी। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक मदन मोहन प्रसाद ने बताया कि लोन की किस्त समय पर चुकाने वालों को ब्याज पर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच का अंतर कैशबैक के तौर पर मिलेगा।
एक्सग्रेशिया का मतलब : एक्सग्रेशिया का मतलब है कि सरकार अपनी मर्जी से आपको यह रकम दे रही है। इसे वापस नहीं करना है। यह सरकार की ओर से तोहफे के तौर पर है। ब्याज पर ब्याज के तौर पर जो कैशबैक मिल रहा है, वह आपके लोन पर बैंकों की ओर से वसूली जाने वाली ब्याज दर पर निर्भर करेगा।
इस तरह मिल रहा कैशबैक : एलडीएम ने बताया कि यदि किसी ने एक करोड़ रुपये का होमलोन लिया है। इस पर आठ फीसदी वार्षिक ब्याज देना होता है। छह महीने के ब्याज की गणना करें तो यह चार लाख रुपये बनता है। इशके ब्याज पर ब्याज बनता है 16,269 रुपये। योजना के तहत यह रकम कैशबैक के तौर पर मिलेगी। बैंकों के कारपोरेट ऑफिस सेंट्रलाइज्ड कैलकुलेशन के बाद खातों में पैसा जमा कर रहे हैं।