नोटिस की फिक्र नहीं, केवल 'कमाई' की चिंता
शहर में दर्जनों नहीं बल्कि डेढ़ सौ से ज्यादा अस्पताल अवैध रूप से बनी इमारत में चल रहे हैं।
जेएनएन, बरेली : शहर में दर्जनों नहीं बल्कि डेढ़ सौ से ज्यादा अस्पताल अवैध रूप से बनी इमारत में चल रहे हैं। ये ऐसे अस्पताल हैं जिनका नक्शा पास ही नहीं। कुछ मामलों में पास है तो आवासीय नक्शे लेकिन असल में अस्पताल चल रहे हैं। प्राधिकरण ने कुछ समय पहले अपनी सूची तैयार कर ऐसे अस्पताल संचालकों को नोटिस दिए थे। चेतावनी थी कि अगर वैध दस्तावेज हैं तो दिखाएं या फिर बिल्डिंग की कंपाउंडिंग कराएं। ऐसा न करने पर सीलिंग की कार्रवाई होगी। हालांकि इस पर भी कई तो बेफिक्र हैं, वहीं जिन्हें थोड़ी चिंता है भी वह राहत की उम्मीद लगाकर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। हां, इन सबके बीच केवल अस्पताल और कमाई की चिंता है। नोटिस जारी होने के बाद प्राधिकरण का दिया समय लगभग पूरा हो गया लेकिन अभी तक शायद ही किसी अस्पताल की ओर से प्रशमन या अन्य नक्शा दाखिल किया गया है।
अभी तक चल रहा नवोदय अस्पताल
पिछले महीने डेलापीर तिराहा स्थित नवोदय अस्पताल के बेसमेंट में आग लगी थी। जांच में सामने आया था कि अस्पताल के लिए न्यूनतम मानक 300 वर्ग मीटर जगह का आधा एरिया भी अस्पताल का नहीं था। इसके अलावा मकान का नक्शा आवासीय पास था। बीडीए ने इस अस्पताल का निरीक्षण के नाम पर खानापूरी की।
क्या झूठा निकला आइएमए का वादा
प्राधिकरण की ओर से शुरूआत में ही कुछ अस्पतालों को नोटिस पहुंचे थे तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) अध्यक्ष डॉ.सत्येंद्र सिंह समेत एक प्रतिनिनिधमंडल पिछले महीने प्राधिकरण पहुंचा था। बीडीए अधिकारियों के मुताबिक आइएमए की ओर से उस दिन की बैठक के बाद से कोई भी नक्शा जमा नहीं हुआ।
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हम भी सभी अस्पतालों को लीगल ढंग से चलाना चाहते हैं। लेकिन सालों पुराने चल रहे अस्पतालों का वर्तमान दर पर प्रशमन कराना काफी महंगा है। अपनी मांग हम बीडीए को लिखकर भेज चुके हैं। बीडीए के साथ हुई बैठक में शासन से राहत मिलने की उम्मीद है। छूट मिलते ही आधी रकम जमा हो जाएगी।
- डॉ.सत्येंद्र सिंह, अध्यक्ष, आइएमए बरेली
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शहर में अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों को दिए नोटिस का समय बीत चुका है। अब पुलिस और प्रशासन से फोर्स लेकर अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ को भी अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखेंगे।
- डॉ.सुरेंद्र कुमार पांडेय, उपाध्यक्ष, बीडीए