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बरेली में 160 बेड का अस्पताल रेल की पटरियों पर तैयार खड़ा, फिर भी भटक रहे कोरोना संक्रमित मरीज

जिले में जहां कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं। वहीं एक वर्ष पूर्व रेलवे की ओर से तैयार किए गए आइसोलेशन कोच आज भी मरीजों का इंतजार कर रहे हैं। रेलवे ने अपने स्तर की सभी तैयारियां कर रखी हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 12:17 PM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 12:17 PM (IST)
बरेली में 160 बेड का अस्पताल रेल की पटरियों पर तैयार खड़ा, फिर भी भटक रहे कोरोना संक्रमित मरीज
पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल ने 10 कोच की एक रैैक बरेली सिटी स्टेशन पर खड़ी कर रखी है।

बरेली, जेएनएन। जिले में जहां कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, लोगों को उपचार के लिए अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं। वहीं एक वर्ष पूर्व रेलवे की ओर से तैयार किए गए आइसोलेशन कोच आज भी मरीजों का इंतजार कर रहे हैं। रेलवे ने अपने स्तर की सभी तैयारियां कर रखी हैं।

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पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल ने 10 कोच की एक रैैक जहां बरेली सिटी स्टेशन पर खड़ी कर रखी है। वहीं उत्तर रेलवे मुरादाबाद मंडल न 10 कोच की एक रेक बरेली जंक्शन पर खड़ी कर रखी है। एक साल से पटरियों पर तैयार खड़े इस अस्पताल की जिला प्रसाशन को मदद नहीं ले रहा है।

बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए रेल बोर्ड ने सभी मंडलों को अपने आइसोलेशन कोचों को एक बार फिर से दुरुस्त करने व जिला प्रशासन की मांग पर उसे मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। जंक्शन व सिटी स्टेशनों पर खड़े कोचों की साफ-सफाई व धुलाई के साथ ही उन्हें चार्ज करके एक बार फिर से खड़ा कर दिया गया है। इन कोचों के बाहर व अंदर की सफाई के साथ सुरक्षा व बिजली, पानी की व्यवस्था ही केवल रेलवे को देखनी है। बाकी की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को निर्वाह्न करनी हैं।

प्रति कोच रेलवे के खर्च हुए हैं 40 हजार रुपये

यात्री कोचों को आइसोलेशन कोचों में बदलने में रेलवे का प्रति कोच करीबन 40 हजार रुपये खर्च हुआ है। एक कोच में कुल आठ केबिन हैैं। स्टोर रूम के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ के लिए केबिन है। बिस्तर, ऑक्सीजन सिलिंडर, दवा और पानी की बोतल रखने की सुविधा है। संक्रमितों द्वारा इस्तेमाल वस्तुओं से निकले कचरे को अलग रखने के लिए हर बेड के पास कूड़ेदान है। एक कोच में शौचालय और बाथरूम है।

खिड़कियों में मच्छरदानी लगी है। कोच के प्रत्येक आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के नहाने के लिए बाथरूम बनाया गया है। बाथरूम में एक शॉवर, एक नल, एक बाल्टी, साबुन स्टैंड, मग तथा मचिया दिया गया है। ताकि मरीज मचिया में बैठकर नहा सके। वहीं तीन टॉयलेट में एक कमोड टॉयलेट तथा दो इंडियन टॉयलेट की व्यवस्था की गई है। जनसंपर्क अधिकारी इज्जतनगर मंडल राजेंद्र सिंह ने बताया कि स्टेशनों पर आइसोलेशन कोचों को खड़ा करवा दिया गया है। रेलवे की ओर से तैयारियां पूरी है। जिला प्रशासन की मांग पर उन्हें दे दिया गया है। 


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