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अवैध कारोबार से तौबा कर महिलाओं ने चुन ली नई राह

सूरतगंज के चैनपुरवा मजरे कजियापुर में वर्षों से धधकने वाली शराब का कारोबार छोड़ दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 12:08 AM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 12:08 AM (IST)
अवैध कारोबार से तौबा कर महिलाओं ने चुन ली नई राह

जगदीप शुक्ल, बाराबंकी

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सूरतगंज के चैनपुरवा मजरे कजियापुर में वर्षों से धधकने वाली शराब की भट्ठियां इस बार पंचायत चुनाव करीब होने के बावजूद शांत हैं। ऐसा गांव की महिलाओं की जीवटता, ²ढ़ इच्छाशक्ति, लगन और परिश्रम से संभव हो सका है। कायाकल्प मिशन के तहत पुलिस प्रशासन की ओर से कोरोना काल में लगाई चौपाल से मिली प्रेरणा के बाद गांव की महिलाओं ने शराब के अवैध कारोबार से तौबा कर ली। विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का मौका मिला तो आगे बढ़कर आजीविका की नई राह चुनी और बदलाव की नजीर पेश कर दी। हादसे ने नहीं, प्रेरणा ने बदला मन :

तत्कालीन एसपी अरविद चतुर्वेदी ने गांव में चौपाल लगाकर लोगों को अवैध कारोबार को छोड़ने और आजीविका संचालन के अन्य रास्ते सुझाए। मुहिम में अहम भूमिका निभाने वाली सुंदरा बताती हैं कि इसके बाद चौपालों का सिलसिला शुरू हुआ और लोगों का मन भी बदल गया। वर्ष 2019 के रानीगंज शराबकांड में परिवारजन को खोने के बाद भी गांव में कच्ची शराब की भट्ठियों का धधकना बंद नहीं हो सका था, पर चौपालों में मिली प्रेरणा ने उन्हें पूरी तरह बंद करा दिया। रानीगंज में मिलावटी शराब पीने से सीता देवी और रीना देवी के घर के एक-एक सदस्य की मौत हुई थी। इस मुहिम में इन दोनों की भी सक्रिय भूमिका है। दीये बना बिखेरी जिदगी में रोशनी :

शराब के कारोबार को छोड़ने के बाद गांव की महिलाओं ने मोम के दीये बनाना का काम शुरू किया। इनमें परिवार के बच्चों ने दीये रंगने का काम किया। दीवाली पर इनके बनाए करीब पांच लाख दीयों की अयोध्या के दीपोत्सव, लखनऊ, रायबरेली, आगरा, झांसी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों व गुजरात और दिल्ली में आपूर्ति की गई थी। महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सात नवंबर को नगर के जीआइसी आडीटोरियम में दीपोत्सव का आयोजन कर 51 हजार दीये जलाए गए थे। इस मौके पर उन्हें सम्मानित भी किया गया था। प्रति दीये इन्हें डेढ़ रुपये का भुगतान किया जाता था। इससे इनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरी। आजीविका के सुझाए गए विकल्प :

गांव में छह समूहों का गठन कर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इन्हें प्रशिक्षण दिया गया। इसमें बिदी बनाने, गांठ लगाने, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, रुई की बाती बनाने जैसे काम शामिल हैं। फैक्ट फाइल :

ग्राम पंचायत कजियापुर की आबादी : करीब 3000

चैनपुरवा की आबादी : करीब 600

जिला मुख्यालय से वाया रामनगर दूरी : करीब 35 किमी

गांव में कुल परिवार : 94

मुहिम से जुड़े परिवार : करीब 90


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