जमुरिया की हरित पट्टी पर अतिक्रमण को किसकी शह?
बाराबंकी जमुरिया नदी का प्राकृतिक स्वरूप बिगाड़ने में सिर्फ फैक्ट्रियां ही नहीं अतिक्रमण भी
बाराबंकी: जमुरिया नदी का प्राकृतिक स्वरूप बिगाड़ने में सिर्फ फैक्ट्रियां ही नहीं अतिक्रमण भी बड़ी वजह है। नदी की हरित पट्टी के दोनों ओर अवैध कब्जा कर बड़े-बड़े आशियाने बनवा लिए गए हैं। यह अतिक्रमण शिक्षण संस्थान संचालक और प्रभावी लोगों ने कर रखे हैं। प्रशासन इन प्रभावी करना तो दूर अतिक्रमणकारियों को चिन्हित तक नहीं कर सका है। यह मुद्दा उठने पर सर्वे कराने और नोटिस भेजने की औपचारिकता निभाकर प्रशासन इतिश्री कर लेता है। इससे अतिक्रमण में प्रशासनिक अफसरों की संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
नोटिस तक सीमित रही कार्रवाई आठ साल पहले तत्कालीन एसडीएम अनिल कुमार सिंह ने अतिक्रमण हटवाने की कोशिश की थी, पर नाकाम रहे थे। अतिक्रमणकारियों को जब-जब हटाने की कोशिश हुई तब-तब सफेदपोश ढाल बन गए। जिसके चलते जमुरिया नदी से नाला बन गई। जमुरिया के दोनों तटबंधों पर हरित पट्टी के साथ ही मार्निंग वॉक के लिए इंटरलॉकिग सड़क बनाने व गंदगी दूर करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने जैसी बातें चुनावी वादों में शामिल रही हैं। दो साल पहले तत्कालीन एसडीएम अजय कुमार द्विवेदी ने आधा दर्जन शैक्षिक संस्थानों को अतिक्रमण व बिना मानचित्र के भवन निर्माण के बावत नोटिस जारी कराई थी। इनमें से एक कॉलेज के प्रबंधन ने अवैध निर्माण स्वयं तोड़वाया था, जबकि अन्य एसडीएम के तबादले के इंतजार में रहे, वही हुआ भी। एसडीएम के तबादले के बाद हालात जस के तस हैं। लखपेड़ाबाग को आवास विकास कालोनी से जोड़ने वाले पुल के पास शिक्षण संस्थान के अतिक्रमण के अलावा कई लोगों ने जमुरिया की तलहटी में पिलर ढालकर मकान बना लिए हैं। ---------------------
जमुरिया पर किए गए अतिक्रमण का लेखपालों के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर पहले नोटिस दी जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -अभय कुमार पांडेय, एसडीएम, नवाबगंज।