औपचारिकता बनी सिल्ट सफाई, किसान परेशान
बूंद भर नहीं है अछैछा माइनर में पानी कैसे हो किसानी
बाराबंकी : करीब बीस किलोमीटर तक किसानों की फसलों की प्यास बुझाने वाली अछैछा नहर की सिल्ट सफाई में औपचारिकता निभाई गई है। ठीक से सफाई न किए जाने के कारण उसमें सिल्ट का जमाव है। सिचाई विभाग प्रतिवर्ष सफाई के नाम पर हेड से आठ किलो मीटर की दूर तक सफाई का कार्य पूर्ण कर इतिश्री कर लेता है। जबकि, इस माइनर से मिठवारा के साथ कछवानपुरवा, बंजरिया, बंजरिया पुरवा, मोहारी, शेखूपुर, आल्हेमाऊ, ज्योली, राममंडाई, पर्वतपुर आदि एक दर्जन से अधिक गांव के लोग सिचाई करते हैं। मिठवारा माइनर में ज्योली गांव के निकट से कटी राममंडाई अल्पिका की सफाई भी कई वर्षों से नहीं हुई है। ऐसे में ये अल्पिका माइनर कुछ स्थानों पर बंद भी हो गई है तो कई स्थानों पर पटरियां काट गई हैं। शारदा सहायक नहर से संबंद्ध इस नहर में पानी भी नहीं छोड़ा गया है, जबकि इस समय किसान रबी की फसल की बोआई भी कर रहे हैं। इससे किसान निजी संसाधनों से सिचाई करने को विवश हैं। शुक्रवार को जागरण टीम ने उक्त माइनर की सफाई की हकीकत देखी तो सफाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता भर नजर आई। किसानों का छलका दर्द
शारदा सहायक नहर से निकली मिठवारा माइनर में एक बूंद पानी नहीं है। इससे गेहूं, लाही और मसूर की बोआई को खेत पलेवा करने के लिए पानी नहीं पा रही है। इस कारण पंपिग सेट से सिचाई करनी पड़ती है।
-पप्पू वर्मा, शेखूपुर
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का बरसा जब कृषि सुखाने ..
नहर की न तो ठीक से सफाई कराई है और न ही समय पर पानी ही छोड़ा जा रहा है। सिचाई विभाग को किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
ननकाऊ, शेखूपुर
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इस समय गेहूं, मसूर, सरसों और आलू की बोआई चल रही है। इसके लिए खेतों को पलेवा करना है, लेकिन नहर सूखी पड़ी है। पानी न आने से लोगों को पलेवा करने में परेशानी होती है।
-उमेश, बंजरिया
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पानी के अभाव में खेतों की सिचाई निजी पानी पंप और इंजन से करना पड़ता है। खेतों के बगल से ही माइनर निकली है, लेकिन इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
-रघुनाथ, बंजरिया
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शारदा नहर में पानी आने के बाद ही माइनर को मिल सकता है। इन दिनों इस माइनर की सफाई का कार्य चल रहा है।
-नरेंद्र कुमार, सिचाई अभियंता, फतेहपुर