बिना किसी के दबाव के करेंगे वोट
ैसे- जैसे टिकट की तस्वीर साफ होती जा रही है। कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी देखने को मिल रही है।
बाराबंकी : लोकतंत्र के महापर्व पर निर्भीक होकर और बिना दबाव के मतदान करेंगे। किसी लालच में न आकर निष्पक्ष वोट होगा। जनता की समस्याओं के निस्तारण को प्राथमिकता बनाने वाले को अपना प्रतिनिधि चुनेंगे।
कौशल कुमार, रहमतनगर।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत
विद्यार्थियों का पठन-पाठन बंद होने के कगार पर है। ऐसा कोई विकल्प निकले, जिससे कभी शिक्षा पर असर न पड़े। हम ऐसे प्रतिनिधि को चुनेंगे जो शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देगा।
मधु कश्यप, जैनाबाद।
शिक्षा व्यवस्था में करे सुधार
पहली बार मतदान करने का अवसर मिला है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि चुनेंगे जो बिना भेदभाव के क्षेत्र के समग्र विकास पर जोर दे।
सौरभ कुमार, दुंदपुरवा
बिना भेदभाव के करे विकास
उत्तर प्रदेश को अग्रसर करने वाले को वोट किया जाएगा। सभी पंथों का सम्मान करने वाले और समस्त जाति के लोगों का बिना भेदभाव के विकास करने को संकल्पित व्यक्ति हमारा प्रतिनिधि होगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैय्या कराने को संकल्पित हो।
तौसीफ वारसी, सिधुवाहीं
दिल के अरमा आंसुओं में बह गए..
राजनीति में बाजी कब किसके हाथ लग जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ ऐसा ही इस चुनाव में भी हो रहा है। भाजपा और सपा ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इसके दावेदारी करने वाले कई प्रत्याशियों के अरमान चकनाचूर हो गए हैं। एक स्थान पर टिकट को लेकर चर्चा हो रही थी। एक युवक ने कहा कि देखो सत्ताधारी और मुख्य विपक्षी दल ने नई रणनीति पर काम किया है। इससे मुकाबला तगड़ा हो जाएगा। दूसरे युवक ने उनकी बात को काटते हुए कहा कि जो रात-दिन एक किए रहयं उनके हाथ का लाग बस टोपी, डंडा और झंडा बांटय तक सीमित रहे। सांचु पूछव तव उनके विधायक बनय का जउन अरमान दिल मइहां पालि रखे रहयं उई सब आंसून मा बहिगे हयं।
हम तव ठेलुआ आन, जीका टिकट देयं लागि जाव
टिकट वितरण को लेकर कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में अंसतोष भी है। जैसे- जैसे टिकट की तस्वीर साफ होती जा रही है। कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी देखने को मिल रही है। सत्ताधारी दल की सूची आने के बाद एक स्थान पर टिकट को लेकर चर्चा हो रही थी। एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने एक सीट के दावेदार को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जीका मन करति हय नेता लोग टिकट दय देति हयं। ऐसे मा कउनव सर्वे का कोई मतलब रहा का। अरे पार्टी का कार्यकर्ता होय तबहूं तक ठीक.दुई-चार साल पार्टी मा आ भा होइ अउरु टिकट दई दिहिन। नाराजगी क्या वोट देने में भी दिखेगी। इस पर बोले हम तव ठेलुआ आन, जीका टिकट दय देयं बस लागि जाव।