बाढ़ का कहर जारी, बालिका सहित दो की डूबकर मौत
पशुओं के लिए 91 क्विंटल भूसा भी उपलब्ध कराया
बाराबंकी : जिले में सरयू नदी की बाढ़ का संकट कम नहीं हो रहा। सिरौलीगौसपुर, रामनगर व रामसनेहीघाट तहसीलों के 80 गांवों की 40 हजार से ज्यादा आबादी प्रभावित है। रामनगर क्षेत्र में बाढ़ के पानी में डूबकर मंगलवार को दो लोगों की मौत हो गई। 15 हजार 346 पशुओं के लिए चारे का जबरदस्त संकट है। 12 लोगों के झोपड़ी वाले मकान भी बाढ़ में बह चुके हैं। सोमवार को रक्षाबंधन का त्योहार बाढ़ संकट के बीच मनाया गया। नाव से बहनें राखी बांधने पहुंचीं। मंगलवार की सुबह नौ बजे जल स्तर खतरे के निशान 106.070 मीटर के सापेक्ष 107.060 मीटर रहा जो शाम को पांच बजे घटकर 106.946 मीटर रह गया। अब खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर जलस्तर ऊपर है।
बाढ़ से प्रभावित रामनगर इलाके के निजामुद्दीन पुर निवासी शिव मूरत यादव की गणेशपुर मोड़ के निकट पानी में डूबकर मौत हो गई। महादेवा पुलिस चौकी इंचार्ज वेदप्रकाश शर्मा ने गोताखोरों को बुलाकर शव बाहर निकलवाया। ग्राम नयापुरवा मजरे मोहड़वा में अपने ननिहाल अब्बास अली के घर आई आठ वर्षीय नगमा पुत्री सिराज निवासी ग्राम खुर्दा थाना महमूदाबाद जिला सीतापुर की गांव के निकट तटबंध के किनारे पानी में डूबकर मौत हो गई। नगमा बच्चों के साथ खेल रही थी। तभी पानी में डूब गई। तहसीलदार आकाश संत भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। बाढ़ क्षेत्र के गांवों के अंदर जाने वाले मार्गों पर पानी बह रहा है। हेतमापुर जाने वाले मार्ग पर मंगलवार को एक वाहन फंस गया। उसे निकलवाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। गांवों के अंदर लोगों के घरों में भी पानी भरा है। उसी पानी में वह तख्त पर या मकानों की छतों पर रह रहे हैं। लंच पैकेट गांवों के अंदर नहीं पहुंच रहे।
एडीएम संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रशासन की ओर से सोमवार को पशुओं के लिए 91 क्विंटल भूसे की, सोमवार को नौ हजार व मंगलवार को पांच हजार लंच पैकेट पीड़ितों को दिए गए हैं। रामनगर क्षेत्र में जन सहयोग से भी दो हजार लंच पैकेट बंटवाए गए हैं ताकि उन लोगों को भोजन के लिए परेशान न होना पड़े। रोग नियंत्रण की चुनौती : बाढ़ इलाके में मंगलवार को 449 लोगों को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दवाइयां बांटीं। बुखार, खांसी, पेटदर्द, खुजली, दाद, नेत्र विकार, उदर विकार के मरीज मिल रहें हैं। पशुओं को भी बीमारियों का खतरा है। दो पशु मर चुके हैं। 90 पशुओं का भी टीकाकरण किया गया। अब तक 660 पशुओं का टीकाकरण व 3087 लोगों को विभिन्न रोगों की दवाएं बांटी जा चुकी हैं। 46 गांव पूरी तरह बर्बाद : बाढ़ से 46 गांव पूरी तरह बर्बाद हैं। इन गांवों के अंदर व बाहर खेतों में भी पानी भरा है। जबकि 33 गांवों के चारों तरफ पानी भरा होने से खेती पूरी तरह चौपट है। तीन गांवों में तो कटान के चलते खेती व आबादी की जमीन नदी में समा रही है।