संकेतों और कविताओं से सिखा रहे गणित और अंग्रेजी
आंखों पर पट्टी बांधकर वस्तुओं की पहचान करा रहे रामनगर के सिरकौली में शिक्षक विवेक
सूरतगंज (बाराबंकी) : दो एक्कम दो, दो दूनी चार, दो तिया छह, दो चौका आठ.प्राथमिक विद्यालय के पास से गुजरते समय गूंजते यह स्वर बता देते हैं कि बच्चे पहाड़ा रट रहे हैं। पढ़ाई का यह परंपरागत तरीका काफी ही पुराना हो चुका है। रामनगर तहसील के अंतर्गत सिरकौली प्राथमिक स्कूल के शिक्षक ने अभिनव प्रयोग करते हुए संकेतों में अंग्रेजी और गणित के प्रश्नों को चुटकी बजाकर हल कर देते हैं।
स्कूलों में पठन-पाठन का तरीका भी हाईटेक हो रहा है। प्राथमिक विद्यालय सिरकौली के इंचार्ज शिक्षक विवेक मिश्रा अब नई विधि, क्रिया-कलापों से साहित्य का ज्ञान भी इस तरह करा रहे हैं। वह छात्रों को कम उम्र में ही साहित्य एवं संस्कृति का बोध करा रहे हैं। विद्यालय में छात्रों को अंग्रेजी व गणित सिखाने के लिए प्रभारी प्रधानाचार्य विवेक मिश्रा फायल बैलून आधारित अक्षरों से शिक्षा दे रहे हैं। गणित को सरलता से हल करने के लिए टीचिग लर्निंग मटेरियल (टीएलएम) की मदद ले रहे हैं। यही नहीं आंखों पर पट्टी बांधकर भी बच्चों को वस्तुओं की पहचान विभिन्न आकार-प्रकार से करवा रहे है। छात्रों को गणित के घटाव, जोड़, गुणा, भाग सिखाने के लिए विवेक कविताओं के अलावा शारीरिक क्रिया-कलापों का भी सहारा लेते हैं। इससे छात्रों को गणित जैसे उलझाने वाले विषय को समझने में आसानी होती है।
आकर्षित करता है विद्यालय : विद्यालय के कक्ष को रंग-बिरंगी झालरों प्लास्टिक के लताओं व पौधों कागज के अक्षरों, आयत, त्रिभुज गेंद और फव्वारों से सजाया गया है। कमरे में चिड़ियाघर का बड़ा सा फ्लैक्स भी बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां चार-पांच किलोमीटर दूर के बच्चे भी पढ़ने आते हैं। बाल वाटिका की देखरेख छात्र अमन और रजतदीप करते हैं।
विद्यालय को हाईटेक बनाने में कर रहे मदद: विद्यालय के शैक्षणिक स्तर में सुधार लाने व परिवेश को हाईटेक बनाने के लिए क्षेत्र के समाजसेवी भी निरंतर सहयोग कर रहे हैं। इसमें रामनगर के पेंट व्यवसायी सचिन नाग, गनेशपुर के शुभम गुप्ता सहित कई अन्य शामिल हैं।। कूलर तो किसी ने पंखा देकर विद्यालय को सुविधाओं से लैस कराने में सहयोग किया है। लखनऊ के अंशू पांडेय ने विभिन्न क्रियाकलापों वाले बैनर व वाटरकूलर, लोहटी के दीपू मिश्रा एवं सोनू मिश्रा कापी किताबें उपलब्ध करवा रहे हैं। स्कूल के सहायक अध्यापक अमन और रजत भी हाईटेक गुरु विवेक मिश्रा का सहयोग कर रहे हैं।
कविताओं से समझाते हैं दिनचर्या
ठीक समय पर नित उठ जाओ, ठीक समय पर चलो नहाओ, ठीक समय पर खाना खाओ, ठीक समय पर पढ़ने जाओ से वह बच्चों को दिनचर्या का पाठ पढ़ाते हैं।
ई-बुक्स में पढ़ते हैं कहानियां : बुलबुलों का राज, सबसे खास हांड़ी, ख्याली पुलाव आदि रोचक कहानियों के ई-वर्जन को लैपटाप पर डाउनलोड कर बच्चों को पढ़ाई जा रही हैं।