बाग में बिछा ली चारपाई, हो गए परिवार से अलग
विकास शर्मा रिसिया (बहराइच) इस कठिन दौर में जिदा रहने का संघर्ष बढ़ गया है। प्रवासी मजदूर मुंबई से वापस पांच दिन पहले घर आए। उन्होंने होम क्वारंटाइन को बखूबी निभाया। अहाते और बगीचे में खुद को परिवार से अलग रख कर पूरे समाज को संक्रमण से बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
विकास शर्मा, रिसिया (बहराइच)
इस कठिन दौर में जिदा रहने का संघर्ष बढ़ गया है। प्रवासी मजदूर मुंबई से वापस पांच दिन पहले घर आए। उन्होंने होम क्वारंटाइन को बखूबी निभाया। अहाते और बगीचे में खुद को परिवार से अलग रख कर पूरे समाज को संक्रमण से बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
देश के विभिन्न प्रांतों से लौट रहे प्रवासी मजदूर सरकार के लिए चुनौती हैं, लेकिन इनमें जागरूक मजदूर एक मिसाल भी पेश कर रहे हैं। विकास खंड चितौरा के शाहनवाजपुर के रामलखन नवी मुंबई मजदूरी करने गए थे। कोरोना वायरस के संक्रमण में किसी तरह घर पहुंचे। बताया कि हम कौनौ मेर घर पहुंचेन हय। सबका बचावै के खातिर बगिया मा खटिया डार लिहन। अब सब दाना पानी यहि थिर होत है।
इसी तरह कुलदीप चंद्र, सुमेश्वर, रामप्रवेश, प्रदीप कुमार अहमदाबाद से घर आए। घर के बाहर आहाते में चारपाई बिछा ली। उन्होंने बताया हम सब परेशान होए गेन रहा। सरकार ट्रेन चलाय दिहिस तो घर पहुंचेन। अब इ अहाता ही बीमारी से बचेक खाली एक जरिया है। दिन-रात यही मा कटत है। हम तो तरस गयन अपन बच्चेन का खेलावै खातिर'। कुछ यही कहानी गांव पहुंचे अन्य 17 मजदूरों की है। औरों को जिदगी बचाने के इस संघर्ष के दौर में इनकी समझ समाज के सामने उदाहरण है।