हाईवे पर पुआल जलाकर किया प्रदर्शन, मुकदमा दर्ज
कृषि सुधार विधेयक के खिलाफ मुखर हुए किसान संगठन व सपा कार्यकर्ता प्रदर्शन कर दिया ज्ञापन सपा विधायक बोले-मंडियों को बेचना चाहती है सरकार
बाराबंकी : कृषि सुधार विधेयक के खिलाफ शुक्रवार को सुबह से ही विभिन्न किसान संगठनों में धरना-प्रदर्शन को लेकर होड़ रही। किसान संगठनों ने प्रदर्शन कर विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
सुबह पौने आठ बजे से लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर लखनऊ बार्डर के निकट भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के कार्यकर्ताओं ने पुआल जलाकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें हटाया। डीएम डॉ. आदर्श सिंह, एसपी डॉ. अरविद चतुर्वेदी व एसडीएम सदर अभय कुमार पांडेय ने मौके पर जाकर स्थिति देखी। एसपी ने बताया कि भानु गुट के प्रदेश प्रभारी उदेंदु पटेल सुबह पौने आठ बजे पांच-छह वाहनों से अपने 12-14 समर्थकों सहित आए और पुआल जलाकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर हाईवे से सबको हटाया। इससे हाईवे जाम नहीं होने पाया। प्रभारी निरीक्षक नगर कोतवाली पंकज सिंह ने बताया कि उदेंदु पटेल, राधा रमण, दुर्गेश वर्मा सहित 17-18 अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। नौ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
टिकैतगुट दो हिस्सों में बंटा : किसान यूनियन टिकैत गुट कृषि सुधार विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में दो गुटों में बंटा दिखा। जिलाध्यक्ष अनिल वर्मा, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष राम किशोर पटेल सहित अन्य ने जिला गन्ना कार्यालय परिसर में एकत्र होने के बाद कलेक्ट्रेट के सामने हाईवे पर प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम को दिया।
वहीं टिकैतगुट के ही मंडल उपाध्यक्ष निसार मेंहदी के साथ रामबरन वर्मा व विक्रांत सैनी सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने फतेहाबाद बड़ेल स्थित भाकियू संस्थापक रहे दिवंगत चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की प्रतिमा स्थल पर बैठक के बाद लखनऊ-अयोध्या मार्ग जाम करने की कोशिश की। एडीएम संदीप कुमार गुप्ता ने पहुंचकर ज्ञापन प्राप्त किया। विक्रांत सैनी ने कहा कि एक स्थान पर भीड़ ज्यादा न हो इसलिए दो स्थानों पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया। भारतीय किसान यूनियन राधे गुट के जिलाध्यक्ष राधेलाल यादव ने गन्ना कार्यालय में पंचायत कर वहीं एसडीएम सदर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कृषि सुधार विधेयक वापसी के साथ ही बरदरी निवासी नीरज श्रीवास्तव की मौत की जांच व परिवार जन को 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग भी की गई है। उधर, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने जीआइसी ऑडीटोरियम से पटेल चौराहे तक पैदल मार्च कर बिल के विरोध में नारेबाजी की। पटेल चौराहे पर जाम लगाने की भी कोशिश की, बाद में एसडीएम के समझाने पर लौट गए। ---------
'सपा ने बनाईं मंडियां, भाजपा सरकार चाह रही बेचना'
कलेक्ट्रेट में डीएम कार्यालय के समक्ष सपा कार्यकर्ताओं ने सदर विधायक धर्मराज यादव, विधायक जैदपुर गौरव रावत, एमएलसी राजेश कुमार यादव उर्फ राजू यादव के नेतृत्व प्रदर्शन कर विधेयक वापस लिए जाने संबंधी राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा। विधायक धर्मराज यादव ने कहा कि सपा सरकार ने किसानों के लिए मुफ्त सिचाई की व्यवस्था की, मंडियों का निर्माण कराया। लेकिन, भाजपा सरकार में किसानों को सिचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा। मंडियों को किसानों के लिए उपयोगी बनाने के बजाए उन्हें बंद कर बेचने की तैयारी है। जब मंडी नहीं होगी तो किसान का उत्पाद मनमाने दाम पर व्यापारी खरीदेंगे। सरकार को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने के साथ ही उस पर कानून बनाना चाहिए ताकि समर्थन मूल्य से नीचे किसानों की उपज खरीदने की कोई हिम्मत न करे।