साथी निभा रहे साथ कैदियों को करा रहे योगाभ्यास
जिला कारागार में कैदी हरेराम श्यामलाल रोज व राजलक्ष्मी कराते हैं साथी कैदियों को योगाभ्यास
बाराबंकी: साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा मिलकर बोझ उठाना.. सकरात्मकता का संदेश देने वाले गीत के यह बोल जिला कारागार में साकार होते दिख रहे हैं। जहां कैदी ही साथी कैदियों को योगाभ्यास कराकर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार बन रहे हैं। कोरोना संक्रमण में यह पहल उनकी सेहत का कवच बनी हुई है। यही वजह है कि अब लिए गए करीब 400 सैंपल में कोई कैदी संक्रमित नहीं पाया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त दो महिला और दो पुरुष कैदी साथी कैदियों को प्रतिदिन सुबह आठ से साढ़े नौ बजे तक योगाभ्यास कराते हैं। कैदियों का मानना है कि इससे कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ ही अन्य संक्रामक रोगों से भी बचाव हो सकेगा।
जिला कारागार मे वर्तमान समय में 1225 कैदी में 56 महिला कैदी निरुद्ध हैं। कैदी श्यामलाल व हरेराम प्रतिदिन सुबह 1169 साथी कैदियों को कपालभांति, अनुलोम- विलोम, भ्रामरी, उदबीथ, बाह्य प्राणायाम, भष्तृकिा, शीतली प्राणायाम कराते हैं। इसके अलावा ताड़ासन, मयूर आसन, शस्क आसन, उत्तान, थल आसन, त्रिकोण आसन, भद्रा आसन आदि कराए जाते हैं। वहीं 56 महिला कैदियों को कैदी रोज व राजलक्ष्मी योगाभ्यास कराती हैं।
शारीरिक दूरी का भी रखते हैं ध्यान : कारागार में सुबह योगाभ्यास के दौरान जेल प्रशासन के अधिकारी भी हिस्सा लेते हैं। सैनिटाइज कराने के बाद शारीरिक दूरी का ध्यान में रखते हुए योगाभ्यास में कैदी हिस्सा लेते हैं।
इनसेट: कारागार में कैदियों को योगाभ्यास कराया जाता है। पुरुष व महिला कैदियों को अलग-अलग योगाभ्यास कराया जाता है। दो पुरुष कैदी व दो महिला कैदी अन्य कैदियों को योग कराते हैं। यह कैदी योग प्रशिक्षक से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
-हरिबक्श सिंह, जेल अधीक्षक, जिला कारागार, बाराबंकी।
इनसेट: नित्य योग करने से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। कारागार प्रशासन का यह नित्य योग कराना निश्चित ही सराहनीय कदम है। इससे कैदी मानसिक रूप से भी मजबूत होंगे।
रामस्वरूप यादव, योग प्रशिक्षक व पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी।