तड़पता रहा मरीज, नहीं पसीजे चिकित्सक
बाराबंकी : चिकित्सा सेवा में असंवेदनशीलता देखने को मिली। सीएचसी सूरतगंज के बाहर परिसर में
बाराबंकी : चिकित्सा सेवा में असंवेदनशीलता देखने को मिली। सीएचसी सूरतगंज के बाहर परिसर में एक मरीज को उसकी पत्नी खून की उल्टी होने पर ओपीडी लेकर पहुंची। वहां डॉक्टर ने पर्चे पर जो इंजेक्शन लिखे वह दवा कक्ष में नहीं होने की बात कह कर लौटा दिया गया। गंभीर होने के बाद भी बिना भर्ती किए फार्मासिस्ट ने डॉक्टर के कहने पर इंजेक्शन लगाकर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
सूरतगंज कस्बे के रहने वाले अब्दुल हमीद (55) कई माह से स्वास से परेशान था। सोमवार सुबह खून की उल्टी होने लगी। इस पर उसकी पत्नी उसे लेकर सीएचसी सूरतगंज पहुंची। यहां पर्चा बनवाने के बाद ओपीडी में तैनात डॉ. गौरव पांडे को दिखाया। फातिमा ने बताया डॉक्टर ने इमरजेंसी केस बताते हुए पीड़ित के पर्चे पर कुछ इंजेक्शन व दवाइयां लिखीं। जो दवा कक्ष में ही नहीं थी। हालांकि दो इंजेक्शन लगा कर जिला अस्पताल रेफर का पर्चा थमा दिया। सीएचसी के बाहर करीब दो घंटे तक उसकी पत्नी एंबुलेंस के इंतजार में उसे फर्श पर ही लिटाए रही। लेकिन उसे स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुआ। एंबुलेस भी दो घंटे बाद पहुंची। ओपीडी में तैनात डॉ. गौरव पांडे ने बताया कि कुछ इंजेक्शन मरीज को लगाए गए थे। सीरियस हालत देख कर उसे रेफर किया गया। सीएचसी अधीक्षक डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि मरीज के फर्श पर पड़े होने की जानकारी नहीं है। सीसीटीवी फुटेज से जांच की जाएगी।