सिपाहियों के आपराधिक कांड की उच्चाधिकारी कर रहे निगरानी
बाराबंकी युवक को कमरे में बंधक बनाकर तीन लाख वसूलने वाले बहुचर्चित प्रकरण पर उच्च अधिकारी मानीटरिंग कर रहे है। इस मामले में चार पुलिस कर्मी शामिल हैं।
बाराबंकी : युवक को कमरे में बंधक बनाकर तीन लाख वसूलने वाले बहुचर्चित प्रकरण पर उच्चाधिकारी लगातार नजर बनाए हुए हैं। यही नहीं स्वयं पीड़ित युवक से बात कर विभाग के आलाधिकारी पूछताछ भी कर रहे हैं। शिकायत के बाद मिलने वाली धमकी के संबंध में पीड़ित युवक ने आरोपित सिपाहियों के खिलाफ एक और तहरीर दी है।
गिरोह बनाकर आपराधिक वारदातें करने वाले पुलिसकर्मियों की करतूत का संज्ञान एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, आइजी जोन लखनऊ व अयोध्या स्वयं ले रहे हैं। प्रकरण की जांच भले ही सीओ रामसनेहीघाट से कराए जाने की बात कही जा रही हो, पर यह उच्चाधिकारी स्वयं पीड़ित राहुल सिंह को फोन कर मामले का अपडेट ले रहे हैं। गौरतलब है कि मसौली निवासी राहुल सिंह का 16 अक्टूबर की रात सफदरगंज थाने से सिपाहियों ने निजी कार से अपरहण कर कोठी ले गए। यहां बंधक बनाकर उससे आठ लाख छीने और तीन लाख मंगाए थे। रुपये न मिलने पर दो किलो मार्फीन बरामद दिखाकर उसे जेल भेजने की धमकी दी जा रही थी। प्रकरण में कोठी थाने पर तैनात सिपाही नीलेश सिंह, पुलिस लाइंस में तैनात आशीष तिवारी और अमित सिंह सहित चार को एसपी ने निलंबित कर दिया था। प्रारंभिक जांच के दौरान एएसपी को बयान देने के बाद लौटे सिपाही नीलेश ने राहुल को बिना वर्दी के देख लेने की धमकी दी थी। प्रकरण में अधिकारियों की मध्यस्तता के बाद पीड़ित युवक ने आरोपित सिपाहियों के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
बचने को बुलाया परिवार : पुलिस लाइंस के एक कार्यालय में वर्षों से तैनात जिस सिपाही के कमरे में इस गिरोह के सदस्यों का जमावड़ा होता था। वह सिपाही अपने आवास में अकेला रहता था। इस कांड के तूल पकड़ने के बाद सिपाही बचाव के लिए अपने परिवार को ले आया है।