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बीडीओ का वेतन रुका न कटा रोजगार सेवकों का ईपीएफ

-शासन के आदेशों को हुआ उल्लंघन -जुलाई माह के वेतन से रोजगार सेवकों का कटना था

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 11:06 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 11:06 PM (IST)
बीडीओ का वेतन रुका न कटा रोजगार सेवकों का ईपीएफ
बीडीओ का वेतन रुका न कटा रोजगार सेवकों का ईपीएफ

बाराबंकी : ग्राम विकास आयुक्त का साफ आदेश था कि जुलाई माह का रोजगार सेवकों के मानदेय से ईपीएफ काटा जाए। यदि ईपीएफ की कटौती खंड विकास अधिकारी नहीं करते हैं तो उनका वेतन रोकते हुए उन पर कार्रवाई की जाए, पर ऐसा जिले में नहीं हुआ। ईपीएफ की कटौती की गई और न ही बीडीओ का वेतन रोका गया है।

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कर्मचारी भविष्य निधि या एंप्लाई प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) अभी तक सरकारी कर्मचारियों का ही कटता आ रहा था। संविदा कर्मचारी और आउटसोर्सिंग से नियोजित कर्मियों का भविष्य निधि नहीं कटता था। जबकि, दो वर्ष पहले ईपीएफ काटने का आदेश हुआ था। अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास ने 21 जुलाई 2020 को फिर से आदेशित किया कि सभी संविदा कर्मचारी और आउटसोर्सिंग से नियोजित कर्मियों का ईपीएफ काटा जाए। यदि ब्लॉक स्तर पर ईपीएफ नहीं काटा जाता है तो खंड विकास अधिकारी सीधे जिम्मेदार होंगे। इसके लिए उनका वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया जाए। इसके बावजूद भी ईपीएफ नहीं काटा गया। इनका कटना चाहिए ईपीएफ : मनरेगा में कार्यरत रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी के अलावा अन्य कर्मचारी होते हैं। जिले में मनरेगा से लगभग 1200 से अधिक कर्मचारी हैं। संविदा कर्मचारियों के ईपीएफ काटने के आदेश हुए हैं। ऑनलाइन ईपीएफ सुरक्षित करने के लिए एकाउंट खोले जा रहे हैं। जल्द ही प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

-नरेंद्र देव द्विवेदी, डिप्टी कमिश्नर (मनरेगा)


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