नहीं खर्च करने होंगे दाम, कहीं भी बनवाएं गोल्डन कार्ड
अब जनसेवा केंद्रों पर गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थी को 30 रुपये नही देने पड़ेंगे।
वी. राजा, बाराबंकी: अब जनसेवा केंद्रों पर गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थी को 30 रुपये नहीं खर्च करने पड़ेंगे। अबतक जनसेवा केंद्रों पर 30 रुपये लिए जा रहे थे। इसके चलते कई लाभार्थी परिवार गोल्डन कार्ड बनाने में रूचि नहीं ले रहे थे। इस समस्या को देखते हुए जनसेवा केंद्रों पर भी लगने वाला शुल्क खत्म कर दिया गया है। यहां अब लाभार्थी परिवार को कोई शुल्क नहीं देना होगा। कार्ड बनाने में आने वाले खर्च का भुगतान राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की तरफ से इनके खाते में किया जाएगा। 282411 लोगों के बन चुके हैं गोल्डन कार्ड: आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. डीके श्रीवास्तव ने बताया जिले में जिन लाभार्थी परिवारों के अब तक गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं उन परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने के लिए पहले अभियान भी चलाया गया। इस दौरान लाभार्थियों को खोज कर उनका गोल्डन कार्ड बनाया गया। उन्होंने बताया सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के अनुसार बाराबंकी में आयुष्मान भारत योजना के तहत करीब 2 लाख 82 हजार 411 लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। इन अस्पतालों में बनाए जा रहे गोल्डन कार्ड : जिले में आयुष्मान योजना में शामिल किए गए चिकित्सालयों में जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय, सीएचसी देवा, रामसनेहीघाट व निजी चिकित्सालय में-हिद मेडिकल कालेज, मेयो मेडिकल कालेज, आस्था हास्पिटल, आहुजा नर्सिग होम, जैन नर्सिंग होम, कृष्णा मैटरनिटी हॉस्पिटल, रामसनेहीघाट में आकांक्षा नर्सिंग होम, शांति पॉलिक्लिनिक, शेरवुड अस्पताल सहित कुल 34 अस्पताल हैं। यहां भी बनवाने की सुविधा : जिले में आयुष्मान योजना में शामिल किए गए चिकित्सालयों में जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय, सीएचसी देवा, रामसनेहीघाट व निजी चिकित्सालय में-हिद मेडिकल कालेज, मेयो मेडिकल कालेज, आस्था हास्पिटल, आहुजा नर्सिग होम, जैन नर्सिंग होम, कृष्णा मैटरनिटी हॉस्पिटल, रामसनेहीघाट में आकांक्षा नर्सिंग होम, शांति पॉलिक्लिनिक, शेरवुड अस्पताल सहित कुल 34 अस्पताल हैं। अब सभी जगहों पर निश्शुल्क गोल्डन कार्ड बनाने की प्रक्रिया पहली मार्च से शुरू की गई है इनसेट: गोल्डन कार्ड जनसेवा केंद्रों पर भी निश्शुल्क बनेंगे। यह आदेश स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त हुए हैं। जनसेवा केंद्र संचालकों के खातें में धनराशि कार्ड बनाने की भेजी जाएगी। किसी व्यक्ति को कोई धनराशि नहीं खर्च करनी है। डॉ. बीकेएस चौहान, सीएमओ, बाराबंकी।