वेतन से कटा ईपीएफ, खाते में दिखा रहा शून्य
बाराबंकी ग्राम्य विकास मंत्री आयुक्त व अपर आयुक्त ने लगातार पत्र लिखे तब जाकर संविदा कर्मचारि
बाराबंकी: ग्राम्य विकास मंत्री, आयुक्त व अपर आयुक्त ने लगातार पत्र लिखे, तब जाकर संविदा कर्मचारियों का जुलाई से लेकर अक्टूबर तक ईपीएफ (भविष्य निधि) काटा गया। वह भी जिला स्तर पर ही जमा कर लिया गया है, जबकि इसे नेटबैकिग से जमा किया जाना था। खास बात है कि ब्लॉकों पर तैनात तकनीकी सहायक (टीए) के खाते से तो ईपीएफ काटा गया, पर खाता में शून्य दिखा रहा है। ऐसी स्थिति एक-दो नहीं बल्कि जिले के 104 और प्रदेश से लगभग चार हजार तकनीकी सहायकों की है। इसको लेकर अपर मुख्य सचिव ने पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। कर्मचारी भविष्य निधि या एंप्लाई प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) अभी तक संविदा कर्मचारी और आउटसोर्सिंग से नियोजित कर्मियों की भविष्य निधि नहीं कटता था। अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास मंत्री, आयुक्त और अपर आयुक्त ने कई बार पत्र जारी किया, लेकिन ईपीएफ कटौती नहीं हुई। अपर आयुक्त ने इस पर आपत्ति जताई तब जाकर जुलाई से अक्टूबर माह के वेतन से ईपीएफ कटौती की गई थी। यह राशि ईपीएफ का पोर्टल बनाकर नेटबैंकिग से माध्यम से जमा की जानी थी। ईपीएफ कटौती में रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी व अन्य कर्मचारी हैं। जिले में मनरेगा से लगभग 1200 से अधिक कर्मचारी हैं। टीए का वेतन मनरेगा के सामग्री मद से दिया जाता है। ईपीएफ की कटौती हुई और सामग्री मद में सुरक्षित करने का दावा किया गया, लेकिन वास्तव में जमा नहीं हुई। अब सामग्री मद शून्य दिखा रहा है। पैसा कहां गया, अफसर पड़ताल कर रहे हैं। इनसेट : ऐसे काटा गया ईपीएफ पद- मानदेय- ईपीएफ एपीओ- 28000- 7000 अकाउंटेंट- 11200- 2800
कंप्यूटर ऑपरेटर- 11200- 2800 तकनीकी सहायक- 11200- 2800
रोजगार सेवक- 6000- 1500
------------ ईपीएफ कटौती यदि सामग्री मद में शून्य दिखा रहा है तो यह अपडेट होता रहा है। तकनीकी समस्याओं के कारण यह दिक्कतें आती हैं।
-नरेंद्र देव द्विवेदी, डिप्टी कमिश्नर (मनरेगा)