बेटियों को 'शक्ति' मिले तो कामयाब हो मिशन
पहले भी तमाम अभियानों के बावजूद महिला अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं लग सका।
निरंकार जायसवाल, बाराबंकी
शासन स्तर पर शुरू किए गए मिशन शक्ति की सफलता अधिकारियों की इच्छाशक्ति पर निर्भर करेगी। मिशन तभी सफल साबित होगा, जब बेटियां सशक्त बनें और उनसे संबंधित आपराधिक वारदातों में कमी आए। इससे पहले भी एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन हुआ और कालेजों में शिकायत पेटिका लगाकर अपराधों पर नियंत्रण के प्रयास किए गए। लेकिन, कुछ दिन बाद ही आधिकारिक स्तर पर मानीटरिग में बरती गई शिथिलता के चलते अभियान ठंडे बस्ते में चले गए।
बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने व प्रोत्साहित करने के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, किशोरी शक्ति योजना, आत्मरक्षा योजना का संचालन किए जाने के साथ ही कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में भी विभिन्न आयोजनों के जरिए बालिकाओं को आत्मरक्षा के प्रति प्रेरित किया जाता है। इसके तहत छात्राओं को मार्शल आर्ट व अन्य खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है। पुलिस की ओर से भी जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से वुमेन पावर लाइन -1090, डायल-100, वन स्टॉप सेंटर-181, महिला थाना, विकल्प पोर्टल और क्राइम अगेंस्ट वुमेन पोर्टल आदि के संबंध में जानकारी दी जाती है।
आरएस गौतम, प्रभारी एसपी/एएसपी, बाराबंकी ने बताया कि महिलाओं को उनके अधिकारों और सरकार की योजनाओं के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्हें आत्मरक्षा के टिप्स देने के साथ ही स्वावलंबी बनाने पर भी जोर दिया जाएगा। डीएम डॉ. आदर्श सिंह ने बताया कि मिशन शक्ति को जिले में प्रभावी ढंग से संचालित कराया जाएगा। इसके लिए पुलिस अधीक्षक और अन्य विभागों के अफसरों के साथ बैठक कर ठोस रणनीति बनाई जाएगी। महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा और आपराधियों पर शासन की मंशा के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
सतरिख क्षेत्र में वारदात के बाद मिशन का बढ़ा महत्व : मिशन शक्ति की शुरुआत गत शनिवार को हुई। इसके तहत विभिन्न विभागों की ओर से महिलाओं को जागरूक कर आत्मसुरक्षा के प्रति प्रेरित किया जाएगा और उन्हें स्वावलंबी बनाया जाएगा। सतरिख थाना क्षेत्र में सामूहिक दुष्कर्म के बाद किशोरी की हत्या की वारदात के बाद जिले में मिशन शक्ति का महत्व बढ़ गया है। बीते सात माह में दुष्कर्म, छेड़छाड़ सहित महिला अपराधों में बढ़ोतरी हुई है।