एलएलबी पास शिवकुमार हुनर से माटी को बना रहे 'सोना'
कुम्हारी कला की मुख्यमंत्री कर चुके हैं सराहनाअयोध्या प्रयागराज विशाखापटनम हैदराबाद लखनऊ में हो रही सप्लाई
दीपक मिश्रा, बाराबंकी माटी कला से जुड़े परंपरागत कार्य से दूरी बना वालों के लिए फतेहपुर ब्लॉक के हसनपुर टांडा के 28 वर्षीय शिवकुमार प्रजापति नजीर बने हुए हैं। विधि स्नातक की डिग्री हासिल करने के बावजूद वह अपने हुनर से माटी कला को न सिर्फ धार दे रहे हैं बल्कि सम्मान भी हासिल कर रहे हैं। उनकी बनाई मिट्टी की कलाकृतियों और सजावटी सामान की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी सराहना कर चुके हैं। शिवकुमार ने अपनी कला से साबित कर दिखाया है कि अगर मिट्टी को सही आकार और रंग दिए जाएं तो वह भी सोना बनकर चमकने लगती है। लीक से हटकर करते हैं काम : शिव कुमार बताते हैं कि कुम्हारी कला में भी तमाम अवसर हैं। जरूरत है इस क्षेत्र में कुछ नया करने की। उन्होंने बताया कि कुम्हारीकला से जुड़े ज्यादातर लोग सिर्फ गिलास, मटकी, दीपक और कुल्हड़ ही बनाते हैं। इससे उन्हें आजीविका चलाने लायक आय नहीं हो पाती और युवाओं को दूसरे क्षेत्रों में रोजगार तलाशना पड़ता है। शिवकुमार ने बताया कि वह परंपरागत मिट्टी के बर्तन तो बनाते ही हैं, बल्कि तबला, स्टैंड, डमरू स्टैंड, तुलसी स्टैंड, फ्लावर स्टैंड, उरली, कछुआ व मछली उरली, फाउंटेन जैसे नई-नई कलाकृतियां बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने माटी के सजावटी सामग्री को सराहा : 13 अक्टूबर को लखनऊ में शिवकुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कलाकृतियां दिखाईं। सीएम ने कहा कि वास्तव में मिट्टी को सोना बना रहे हो। सीएम ने उसके कार्यों की सराहना भी की। इसके बाद शिवकुमार की प्रदर्शनी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी देखा। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और कलाकृतियों पर मुख्यकार्यपालक नवनीत सहगल ने शिवकुमार को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। पिता के काम को दी धार : शिवकुमार के पिता रामसागर प्रजापति चिनहट में लालता प्रसाद के यहां मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते थे। 1999 में पिता ने नौकरी छोड़कर हसनपुर टांडा में बर्तन बनाने लगे। शिवकुमार ने 2012 में इंटर करने के बाद अपने पिता के काम में हाथ बंटाने लगे। बिहार से आए रमेशचंद्र से शिवकुमार ने कलाकृतियों के बनाने की कला सीखी और खुद बनाने लगे। शिवकुमार अब अपनी कलाकृतियों को अयोध्या, प्रयागराज, विशाखापटनम, हैदराबाद, लखनऊ में सप्लाई कर रहे हैं। खुद की कमाई से शिवकुमार ने बीए करने के बाद 2018 में एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण की। नया घर बनवाया, वाहन खरीदा अब सारी सुख सुविधाएं हैं। ----------
शिवकुमार ने नई पीढ़ी को मिट्टी से सोना बनाने की राह दिखा दी है। मिट्टी के बर्तन की मांग बढ़ी है, इसमें रोजगार के अवसर बहुत हैं। -वीके श्रीवास्तव, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी, बाराबंकी।