निदूरा ब्लॉक में जल्द शुरू होगा कल्याणी पुनरोद्धार कार्य
डीएम ने अटहरा गांव के पास देखी नदी की स्थिति ड्रोन से सर्वे कराने के दिए निर्देशवैया पंचायत में रोपे गए पौधों का देखा हाल सफाई के दिए निर्देश
बाराबंकी : बारिश के चलते ठप हुआ कल्याणी नदी का पुनरोद्धार कार्य जल्द ही फिर से शुरू कराया जाएगा। इसकी शुरुआत इस बार निदूरा ब्लॉक से होगी। जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने सोमवार को अटहरा गांव के पास कल्याणी नदी की स्थिति देखी। उन्होंने फसलें उगी देख नदी का ड्रोन से सर्वे कराकर अतिक्रमण मुक्त कराने और पंद्रह दिन में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश अधीनस्थों को दिए।
अटहरा पहुंचे जिलाधिकारी को नदी सिल्ट के भारी जमाव के चलते खेत में तब्दील दिखी। इस पर उन्होंने एसडीएम पंकज सिंह को नदी के किनारे जमीन पर कब्जे हटवाने का निर्देश दिया। ड्रोन से सर्वे कराकर सफाई की कार्ययोजना तैयार कराने का निर्देश भी दिया। नदी की सिल्ट सफाई कराकर प्राकृतिक स्वरूप बहाल किए जाने के संबंध में सिचाई विभाग के लखनऊ खंड के अधिकारियों से संपर्क स्थापित करने को कहा। मनरेगा डीसी नरेंद्र देव द्विवेदी, बीडीओ मुनेश चंद्र, ग्राम प्रधान जगमती देवी व हरीलाल भी मौजूद रहे। इससे पहले उन्होंने फतेहपुर ब्लॉक के ग्राम होली पुरवा मजरे मवैया में नदी की सिल्ट सफाई के बाद तट पर चार माह पहले रोपे गए पौधों का हाल देखा। पौधों के आसपास बड़ी-बड़ी घास उगी देख बीडीओ हेमंत यादव व प्रधान रामचंद्र यादव को सफाई कराने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि पौधे रोपित करने से ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी उनका संरक्षण है। पौधों की देखभाल नहीं होगी तो पौधे नष्ट हो जाएंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि वह पौधों की स्थिति फिर देखने आएंगे।
करीब 32 किलोमीटर तक खेतों में तब्दील है नदी
कल्याणी नदी के अस्तित्व पर सबसे ज्यादा संकट निदूरा ब्लॉक में ही है। जनपद में नदी के प्रवेश द्वार खुज्झी पंचायत में ही नदी सूखी हुई है। इसके अलावा टिकरा, बजगहनी, दीनपनाह, बांकानगर, डिगरी, सिगतरा, अटहरा, अमांवा, शाहपुर बकसोलिया, खंडसरा, जजियामऊ, सिरसईपुर, पहाड़ापुर, भंडार, नदीपनाह, नहन्नीपुर, सरैंया, निगोहा, दरावां सहित करीब 32 किलोमीटर तक नदी में सिल्ट का भारी जमाव है। इसमें अधिकांश स्थानों पर नदी खेतों में तब्दील हो गई है। जागरण के कल्याणी के तट से अभियान के दौरान कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली थी। कुछ स्थानों पर नदी का स्वरूप तो था, पर सिल्ट जमाव होने के कारण बारिश होने या शारदा सहायक का पानी छोड़े जाने पर यह फसलों की बर्बादी का कारण बनती है। नदी के पुनरोद्धार को लेकर जागरण सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित करता रहा है।
गोआश्रय स्थल का निरीक्षण : डीएम ने ग्राम बंथरी मजरे मवैया में बने गौ आश्रय स्थल का भी निरीक्षण किया। जाड़े के ²ष्टिगत आश्रय स्थल में पशुओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था कराने के निदेश दिए। एसडीएम फतेहपुर पंकज सिंह ने आश्रय स्थल पर गोबर गैस प्लांट स्थापित करने का सुझाव दिया। एसडीएम के सुझाव पर डीएम ने सहमति जताई।