लॉकडाउन में बंद हैं सत्तर फीसद हथकरघा इकाइयां
जिले के बुनकरों को कच्चा माल सूत जिला मुख्यालय की सट्टी बाजार से मिलता है जो बंद है। सट्टी बाजार के व्यापारी कच्चा माल सूरत चेन्नई व कोयंबटूर से मंगाते हैं। वहां भी बंद चल रही है। बाहर का निर्यात भी बंद था। इसलिए हथकरघा उत्पाद पर असर पड़ा है। हालांकि धीरे-धीरे स्थिति सुधर रही है। हथकरघा संचालन पर रोक नहीं हैं। उमेश चंद्र उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र बाराबंकी
बाराबंकी : लॉकडाउन के चलते हथकरघा उद्योग भी खासा प्रभावित हैं। 70 फीसदी से ज्यादा हथकरघा इकाइयां बंद हैं। जबकि, मास्क के बेहतर विकल्प के रूप में हथकरघा उत्पाद स्टोल, गमछा व रूमाल की उपयोगिता बढ़ी है। जिले के स्टोल को एक जिला-एक उत्पाद में भी चयनित है।
जिले में तीन हजार से ज्यादा पॉवरलूम और करीब 12 हजार के आसपास हैंडलूम की इकाईयां हैं, जहां एक दिन में पांच लाख से ज्यादा स्टोल बनाए जाते रहे हैं। इससे 50 हजार से ज्यादा परिवारों को रोजगार मिलता रहा है। लेकिन, लॉकडाउन में काम बंद हो गया। अब लॉकडाउन में ढील दी गई लेकिन कच्चे माल की आवक न हो पाने से वही लोग काम कर रहे हैं जिनके पास पहले से कच्चा माल था।
यहां होता है काम : नगर पालिका परिषद नवाबगंज, बंकी, शहाबपुर, सुरसंडा, रसौली, सफदरगंज, रामपुर कटरा, सआदतगंज, मसौली के साथ ही कस्बा जैदपुर में बड़ी संख्या में बुनकर परिवार इस धंधे से जुड़े हैं। सरकार ने एक जिला 'एक उत्पाद योजना' के तहत स्टोल का चयन किया। बुनकर परिवारों के पास रोजी-रोटी का कोई दूसरा जरिया न होने से लॉकडाउन में धंधा बन होना बहुत ही कष्टकारी है। कस्बा जैदपुर करीब ढाई हजार हैंडलूम व एक हजार पावरलूम चलते थे। मौजूदा समय करीब तीन सौ हैंडलूम व दो सौ पावरलूम उन लोगों के चलते हैं जिनके पास पहले से कच्चा माल था।
हम बुनकरों के हालात ज्यादा खराब हो गए है सरकार की ओर कोई विशेष राहत नहीं मिली है। स्टोल की आपूर्ति विदेशों में होती थी वह बंद है। पहले से तैयार माल की खपत भी नहीं हो पा रही। कच्चा माल मिल पा रहा है और न ही आर्डर ही मिल रहे हैं।
-मुनीर अहमद, संचालक, अंसार हैंडलूम कॉपरेटिव सोसायटी। सरकार ने बुनकरों की बिजली सब्सिडी खत्म कर हमारी कमर तोड़ दी है। पहले बुनकर का एक सौ पचास रुपये प्रतिमाह बिल आता था आज वही महीने में तीन से चार हजार प्रतिमाह बिल आता है। लॉकडाउन के चलते ट्रांसपोर्ट ठप होने से आपूर्ति हो पा रही है और न ही आर्डर ही मिल रहा है।
-मोहम्मद हफीज, बुनकर।
जो माल था उसका सूत बन गया है। लॉकडाउन के चलते माल नहीं मिल पा रहा है। इससे कारोबार अब पूरी तरह ठप हो गया है। चौथे चरण में सरकार की ओर से कुछ छूट दी जाए ताकि कारोबार को फिर से खड़ा किया जा सके।
-मोहम्मद उजैर, बड़ा पूरा।
इनसेट- जिले के बुनकरों को कच्चा माल सूत जिला मुख्यालय की सट्टी बाजार से मिलता है जो बंद है। सट्टी बाजार के व्यापारी कच्चा माल सूरत, चेन्नई व कोयंबटूर से मंगाते हैं। वहां भी बंद चल रही है। बाहर का निर्यात भी बंद था। इसलिए हथकरघा उत्पाद पर असर पड़ा है। हालांकि धीरे-धीरे स्थिति सुधर रही है। हथकरघा संचालन पर रोक नहीं हैं।
उमेश चंद्र, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र बाराबंकी