भारत की संस्कृति सबसे अच्छी: सीरीन राजेंद्र
बाराबंकी: जनेस्मा के डॉ. जेपीएन ¨सह सभागार में भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में सोमवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की मुख्य अतिथि फिजी से
बाराबंकी: जनेस्मा के डॉ. जेपीएन ¨सह सभागार में भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में सोमवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की मुख्य अतिथि फिजी से आईं सामाजिक कार्यकर्ता मुख्य अतिथि सीरीन राजेंद्र प्रसाद रहीं।
उन्होंने कहा कि मैं भी भारतीय मूल की ¨हदू हूं। ब्रितानी हुकूमत में मेरे पूर्वजों को अंग्रेज जबरन यहां से ले गए और गन्ने की खेती करवाते थे। उन्होंने कहा कि कृष्ण जी की तरह हमारी दो माताएं हैं देवकी और यशोदा। भारत मेरी देवकी मां हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद का आशय केवल अन्य देशों को दुश्मन मानकर लड़ना हीं नहीं बल्कि यह भी सोचना जरूरी है कि हम किसी अन्य राष्ट्र को अकारण हानि न पहुंचाएं। भारत सबसे अच्छा देश है। यहां की संस्कृति सबसे अच्छी है। डॉ. छत्रसाल ¨सह ने कहा कि अटल जी किसी भी दल से ऊपर उठकर देशहित का ¨चतन करते थे। प्राचार्य डॉ. रामशंकर यादव ने कहा कि वे राजनेता के साथ उच्चकोटि के कवि थे। डॉ. शार्दूल विक्रम ¨सह ने आओ फिर से दिया जलाएं का पाठ कर सभी श्रोताओं को भाव विह्वल कर दिया। संचालन डॉ. अनिल विश्वकर्मा ने किया। इस मौके पर डॉ. आरके तिवारी, डॉ. पीजी पांडे, डॉॅ. किरन ¨सह, डॉ. सुनीता यादव, डॉ. अवधेश मिश्रा, डॉ. विजय कुमार वर्मा आदि ने विचार व्यक्त किए। निबंध प्रतियोगिता का परिणाम मंगलवार को घोषित किया जाएगा।